राजस्थान में बिपरजाॅय तूफान से भारी तबाही की आशंका, 25 साल में 6 तूफान,3 दिन तक भारी बारिश, ये सावधानियां बचाएंगी

Rajasthan Weather Update : बेकाबू बिपरजॉय तूफान राजस्थान की ओर तेजी से बढ़ रहा है। गुरुवार की रात जब राजस्थान की जनता नींद में होगी, तभी ये तूफान बाड़मेर और जालोर के रास्ते घुसेगा। कितनी तबाही मचेगी, इसका मंजर शुक्रवार की सुबह ही सामने आएगा।

इस तूफान के कारण प्रदेश के 5 जिले हाई अलर्ट पर हैं, यानी मकानों, मवेशियों और जान-माल के नुकसान का सबसे ज्यादा खतरा यहीं होगा। तीन दिन में ये तूफान प्रदेश के ज्यादातर जिलों को जद में ले लेगा। बादलों के टकराने से तीन दिन में इतनी बारिश होगी, जितनी तीन महीने में होती है। तेज बारिश से कई इलाके डूब सकते हैं।

अगर रफ्तार कम नहीं हुई तो दुनिया के सबसे बड़े भड़ला सोलर प्लांट को करोड़ों का नुकसान हो सकता है। वहीं जैसलमेर में पवन चक्कियां उखड़ सकती हैं। एक्सपर्ट के मुताबिक पिछले 25 साल में 6 तूफान झेल चुके राजस्थान में इस बार सबसे ज्यादा नुकसान हो सकता है।

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इस तूफान से किन-किन जिलों में कितना असर होगा? आइए जानते हैं…

सबसे पहले बिपरजॉय तूफान का राजस्थान में रूट मैप समझ लेते हैं…

बिपरजॉय तूफान

राजस्थान में 3 दिन असर दिखाएगा, सबसे अधिक खतरे वाले 5 जिले

मौसम विभाग के निदेशक राधेश्याम शर्मा के अनुसार राजस्थान में ये समुद्री तूफान 16, 17 और 18 जून तक सक्रिय रहेगा। खासतौर पर पश्चिमी राजस्थान और मध्य राजस्थान में पहले दो दिन बहुत सावधान रहने वाले हैं, क्योंकि कई जगह भारी बारिश होगी। सबसे अधिक खतरा बाड़मेर, जालोर, जोधपुर, अजमेर, पाली जिलों पर मंडराएगा। आइए जानते हैं, किन जिलों में कितना नुकसान पहुंचा सकता है ये तूफान…..

जालोर और बाड़मेर : सबसे ज्यादा नुकसान यहीं, कम नहीं होगी रफ्तार

मैदानी इलाका होने के कारण चक्रवाती तूफान का प्रभाव सबसे अधिक बाड़मेर, जालोर जिले में दो दिन तक बना रहेगा। समुद्री तूफान से उठे पानी से यहां बहुत भारी बारिश होगी। साथ ही तेज रफ्तार हवा फसलों को तबाह कर सकती हैं।

खुला इलाका होने के कारण बिजली गिरने की सबसे ज्यादा संभावनाएं हैं। क्षेत्र में बसावट दूर-दूर तक गांव ढाणियों में है। यहां आबादी कच्चे घरों में भी रहती है। हवा की रफ्तार कच्चे मकानों को नुकसान पहुंचाएगी वहीं बिजली गिरी तो पशुओं को भी सुरक्षित रखना चुनौती होगा। सावधानी बरतें, अगर तूफान में फंस जाएं तो कच्चे मकानों और कच्ची दीवारों के पीछे बचने के लिए शरण नहीं लें।

कब तक पहुंचेगा? : गुरुवार देर रात 11 बजे के बाद प्रवेश करने की संभावना है।

जोधपुर, पाली, नागौर : सबसे बड़े सोलर प्लांट को खतरा, एक दिन में भी तूफान मचा सकता है कहर

जोधपुर के भड़ला में दुनिया का सबसे बड़ा सोलर प्लांट है। यहां अगर हवा की रफ्तार 70 किलोमीटर प्रतिघंटा से ज्यादा हुई तो सोलर प्लांट को भारी नुकसान हो सकता है। जोधपुर के शहरी क्षेत्र में भी इसका जबरदस्त असर देखा जाएगा। तूफानी हवाओं के बीच भारी बारिश से पानी जमा होने, बिजली के पोल टूटने और सड़कें तहस नहस हो सकती हैं। वहीं शहरी क्षेत्र में वाहनों को भी नुकसान हो सकता है।

इधर, पाली व नागौर दोनों जगह बहुत अधिक शहरीकरण नहीं है। इन जिलों में 17 जुलाई को सबसे ज्यादा खतरा रहेगा। अधिकतर ग्रामीण इलाके हैं, जहां कच्चे मकानों, टीन शेड आदि बने हुए हैं। चक्रवात के दौरान इनके नीचे शरण लेने में जान का खतरा है। इन दोनों जिलों में पशु पालक बहुत अधिक हैं, अपने पशुओं को बचाने के लिए पक्की छत वाली चारदीवारी के भीतर बांधें।

जैसलमेर व बीकानेर : करोड़ों की पवन चक्कियों को खतरा, दुनिया के सबसे बड़े सोलर हब में मच सकती है तबाही

यहां जालोर, बाड़मेर, जोधपुर, पाली, नागौर जैसी चेतावनी तो नहीं है, लेकिन सोलर हब और पवन चक्कियां काफी अधिक होने के कारण इनके क्षतिग्रस्त होने की आशंका बनी रहेगी। जोधपुर, जैसलमेर और बीकानेर तीनों जिलों में स्थापित सोलर प्लांट को मिला दिया जाए तो यहां उत्पादन क्षमता के हिसाब से दुनिया का सबसे बड़ा सोलर प्लांट हब है।

हवा के अत्यधिक तेज झोंके सोलर पैनलों और पवन चक्कियों व पेड़ों तक को उखाड़ सकते हैं, जिससे जान-माल का नुकसान होने की भी आशंका बनी रहेगी। बिजली गिरने की भी आशंका अधिक होती है, जिससे जान पर बन सकती है।

3 महीनों की बारिश 3 दिन में
मौसम विभाग के निदेशक राधेश्याम शर्मा की मानें तो साइक्लोन के कारण राजस्थान में सबसे अधिक प्रभावित 5 जिलों में तीन दिन में अत्यधिक बारिश होगी। ओवरऑल देखें तो जालोर, बाड़मेर,पाली जैसे इलाकों में जहां पूरे सीजन में 300 से 400 एमएम तक बारिश होती है, वहीं इन तीन दिन में इन जिलों में 300 से 400 एमएम तक बारिश होने की संभावना है।

राजस्थान के 23 जिलों में दिखेगा असर

तीन दिन में जयपुर, जोधपुर, उदयपुर, अजमेर, बीकानेर संभाग के 23 जिलों में इस तूफान का असर दिखेगा। इस समुद्री तूफान के आगे बढ़ने की तारीखों के साथ उन क्षेत्रों को जान लेते हैं…

16 जून : 9 जिले (बाड़मेर, जालोर, जैसलमेर, जोधपुर, पाली, सिरोही, बीकानेर, राजसमंद, उदयपुर)

17 जून : बाड़मेर, जोधपुर, नागौर, जालोर, पाली, जैसलमेर, बीकानेर, अजमेर, राजसमंद, भीलवाड़ा, उदयपुर, सिरोही, जयपुर, टोंक, बूंदी, चूरू, सीकर, चित्तौड़गढ़, प्रतापगढ़, डूंगरपुर, बांसवाड़ा।

18 जून : अजमेर, जयपुर, नागौर, टोंक, सवाईमाधोपुर, जोधपुर, सीकर, झुंझुनूं, चूरू, पाली, भीलवाड़ा, बूंदी, दौसा, अलवर, करौली।

ट्रेनें रद्द, एक्सपर्ट की सलाह- फिलहाल यात्रा टालें

मौसम विभाग ने सलाह दी है कि गुजरात जाना हो, तो 15 जून की सुबह से अगले चार दिन तक यात्रा टाल दें। वहीं, राजस्थान में भी अगर किसी शहर में आना या जाना है तो 16 जून से अगले 3 दिन तक यात्राएं स्थगित कर दें।

  • बहुत जरूरी हो, तभी घरों से निकलें।
  • बचाव के लिए पेड़ों के नीचे और कच्चे घर या दीवार की आड़ में नहीं जाएं।
  • घर पर बिजली के उपकरणों को नुकसान से बचाने के लिए स्विच ऑफ रखें।
  • यदि घर से बाहर हैं, तो इन तीन दिन बिजली के तारों और खंभों से दूरी बनाए रखें।
  • एडवेंचर एक्टिविटीज या ट्रेवल ट्रिप से कम से कम तीन दिन तक बचें।
  • सोलर प्लांट्स, घरों के छज्जे, टीन शेड वगैरह से दूर रहें।

मौसम विभाग की चेतावनी के अनुसार सोलर प्लांट्स, बिजली के पोल आदि क्षतिग्रस्त होने आशंका है। राजस्थान से होकर गुजरात जाने वाली और गुजरात से राजस्थान आने वाली डेढ़ दर्जन से अधिक ट्रेनें रद्द एवं आंशिक रद्द हैं।

साइक्लोन का प्रभाव देखते हुए 69 ट्रेनों का रूट प्रभावित हुआ है।

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10 डिग्री तक गिर जाएगा तापमान
मौसम विभाग के अनुसार राजस्थान में बिपरजॉय तूफान के प्रभाव से पिछले एक सप्ताह से चल रहा तेज गर्मी के दौर से काफी राहत मिलेगी। चेतावनी वाले जिलों में दिन का पारा 40 से ऊपर ही चल रहा है। ऐसे में पश्चिमी जिलों में दिन का तापमान 10 डिग्री तक गिर सकता है। दक्षिणी और पूर्वी राजस्थान में भी कुछ जगहों पर 5 डिग्री से अधिक तापमान गिर जाएगा।

25 साल में राजस्थान में 6 समूद्री तूफान, बरपाया कहर
अरब सागर में पिछले 25 साल में 6 चक्रवाती तूफान आए हैं। सबसे अधिक नुकसान साल 1998 में आए चक्रवाती तूफान ने मचाया था। तूफान का लैंडफाल कांडला बंदरगाह पर हुआ था। बताया जाता है कि 10 हजार से अधिक लोग मारे गए थे। हालांकि ऑफिशियली 1000 मौतें डिक्लेयर की गई थीं। इसका असर लगभग पूरे राजस्थान पर भी पड़ा था, तब 15 से अधिक जिलों में भारी बारिश के दौर चले थे। इसके बाद 1 जून, 2007 में गोनी तूफान, 2014 में नीलोफर, 2019 में क्यार, जून 2020 में चक्रवात निसर्ग, 2021 में ताऊ-ते ने असर दिखाया।

ताऊ-ते, 2021 : 30 जिलों में बारिश, कई मौतें

बिपरजॉय की तरह की अरब सागर से मई, 2021 में उठा ताऊ-ते चक्रवाती तूफान गुजरात के रास्ते राजस्थान पहुंचा था। गुजरात से लगभग 2 लाख से अधिक लोगों को सुरक्षित जगह पर पहुंचाया गया था। इस तूफान से गुजरात में 170 से अधिक लोगों की मौत हुई थी।

वहीं राजस्थान में 6 से ज्यादा लोगों की मौतें हुई थीं। सबसे ज्यादा असर उदयपुर में देखा गया। इस तूफान ने इन्फ्रास्ट्रक्चर को करोड़ों का नुकसान पहुंचाया था। उस समय सेना को भी अलर्ट रहने को कह दिया गया था।

चक्रवात क्यार, 2019 : अरब सागर में उठे चक्रवाती तूफान ‘क्यार’ ने अपनी दिशा ओमान तट की ओर मोड़ ली थी, जिसके कारण राजस्थान के कुछ जिलों में बरसात हुई, लेकिन कोई खास नुकसान नहीं पहुंचाया।

चक्रवात नीलोफर, 2014 : अरब सागर के लिए तीसरा सबसे शक्तिशाली चक्रवात रहा। इसका असर राजस्थान में जैसलमेर, जोधपुर, बीकानेर, बाड़मेर, नागौर, पाली, जालोर, श्रीगंगानगर सहित बालोतरा और रामदेवरा में देखा गया। धीरे-धीरे आगे बढ़ता हुआ चक्रवात धीमा पड़ गया।

बिपरजॉय के कारण राजस्थान में शुरू हुई आंधी-बारिश

अरब सागर में बने चक्रवात बिपरजॉय का असर आज शाम से राजस्थान में दिखना शुरू हो गया है। बाड़मेर, जैसलमेर और जालोर में मौसम बदला। आंधी के साथ बारिश का दौर शुरू हो गया। मौसम विभाग ने 16 और 17 जून को भारी से अति भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है।

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