मंदिर परिसर में 54 फीट ऊंची बजरंग बली की प्रतिमा की पूजा-अर्चना करते हुए गृहमंत्री अमित शाह
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह हनुमान जयंती के मौके पर आज गुजरात के बोटाद शहर पहुंचेंगे। वहां वह 54 फीट ऊंचे हनुमान के दर्शन और उद्घाटन करेंगे। 7 बीघा जमीन में फैला यह गुजरात का सबसे बड़ा भोजनालय है। पूरा परिसर 255 कॉलम पर खड़ा किया गया है। करीब 4550 स्कॉवयर फीट में बने हाईटेक किचन में एक साथ 20 हजार लोगों के लिए खाना बनेगा। खाने में रोजाना दाल-चावल, रोटी-सब्जी, खिचड़ी और सुखड़ी (मिठाई) बनेगी।
गुजरात का सबसे बड़ा हाईटेक भोजनालय
7 बीघा जमीन में फैला यह गुजरात का सबसे बड़ा भोजनालय है। पूरा परिसर 255 कॉलम पर खड़ा किया गया है। करीब 4,550 स्कॉवयर फीट में बने हाईटेक किचन में एक साथ 20 हजार लोगों के लिए खाना बनेगा। खाने में रोजाना दाल-चावल, रोटी-सब्जी, खिचड़ी और सुखड़ी (मिठाई) बनेगी।
हॉल में 656 डाइनिंग टेबल
भोजनालय में दो फ्लोर पर कुल 7 डाइनिंग हॉल है। दोनों हॉल में 328-328 यानी कुल मिलाकर 656 डाइनिंग टेबल लगाई गई हैं। इसमें एक साथ 4 हजार से ज्यादा लोग डाइनिंग टेबल पर बैठकर खा सकते हैं।
इसके अलावा पहले फ्लोर पर भोजनालय में 3 व दूसरी मंजिल पर 2 VIP डाइनिंग हॉल भी बनाए गए हैं। भोजनालय में कुल 79 रूम बनाए गए हैं। परिसर में 5 लिफ्ट भी लगी हैं। इसके अलावा भोजनालय के मुख्य एंट्रेंस पर 75 फीट चौड़ाई की कुल 28 सीढ़ियां और एक ऐलिवेटर भी बनाया गया है।
एक दिन पहले मूर्ति का अनावरण
हनुमान जन्मोत्सव की पूर्व संध्या पर सालंगपुर धाम के हनुमान मंदिर परिसर में 54 फीट ऊंची बजरंग बली की प्रतिमा किग आफ सालंगपुर का बुधवार को अनावरण किया गया। इस मौके पर बड़ी संख्या साधु संतों की मौजूगदगी रही। करीब सात किलोमीटर दूर से भी इस मूर्ति के दर्शन हो सकेंगे। 11 करोड़ रुपये की लागत से तैयार इस प्रतिमा का वजन 30 हजार किलोग्राम है। इसका निर्माण पंचधातु से किया गया है। हनुमान की इस विशालकाय मूर्ति को किंग ऑफ सारंगपुर नाम दिया गया है।
किले की तरह दिखता है हनुमानजी का ये मंदिर
सालंगपुर का कष्टभंजन हनुमान मंदिर किसी किले की तरह दिखाई देता है। इसका स्वरूप बहुत ही भव्य है। मंदिर अपने पौराणिक महत्व, सुंदरता और भव्यता की वजह से काफी प्रसिद्ध है। कष्टभंजन हनुमानजी सोने के सिंहासन पर विराजमान हैं। यहां हनुमानजी को महाराजाधिराज के नाम से भी जाना जाता है। हनुमानजी की प्रतिमा के आसपास वानर सेना दिखाई देती है। हनुमानजी के साथ ही शनिदेव स्त्री रूप में भी विराजित हैं। शनि हनुमानजी के चरणों में बैठे हैं।
ये है हनुमानजी और शनि से जुड़ी कथा
मान्यता है कि प्राचीन समय में शनिदेव का प्रकोप काफी बढ़ गया था। लोगों को कई दुखों और परेशानियों का सामना करना पड़ा रहा था। शनि से बचाने के लिए भक्तों ने हनुमानजी से प्रार्थना की। तब हनुमानजी ने शनिदेव को दंड देने का निश्चय किया। जब शनिदेव को ये बात पता चली तो वे डर गए थे। शनिदेव ये बात जानते थे कि हनुमानजी बाल ब्रह्मचारी हैं और वे स्त्रियों पर हाथ नहीं उठाते हैं। इसलिए शनि ने स्त्री का रूप धारण कर लिया और हनुमानजी के चरणों में गिरकर क्षमा मांगने लगे।
हनुमानजी ने शनिदेव को क्षमा कर दिया। क्षमा मिलने के बाद शनिदेव ने हनुमान से कहा कि उनके भक्तों पर शनि दोष का असर नहीं होगा। इस मंदिर में इसी प्रसंग के आधार पर शनिदेव को हनुमानजी के चरणों में स्त्री रूप में पूजा जाता है। भक्तों के कष्टों का निवारण करने की वजह से इस मंदिर को कष्टभंजन हनुमान मंदिर के नाम से जाना जाता है।
कैसे पहुंच सकते हैं मंदिर तक
ये मंदिर सालंगपुर में स्थित है। यहां आने के लिए पहले भावनगर तक पहुंचना होता है। भावनगर से सालंगपुर तक आसानी से पहुंच सकते हैं। भावनगर के लिए सभी बड़े शहरों से आवागमन के कई साधन आसानी से मिल जाते हैं। सभी बड़े शहरों से भावनगर के लिए रेल गाड़ियां आसानी से मिल जाती हैं। भावनगर सभी प्रमुख शहरों से सड़क मार्ग से जुड़ा हुआ है।