जयपुर/एक दूसरे के कट्टर विरोधी नेता भी अब आमने-सामने बैठकर चर्चा करेंगे। विधानसभा की कमेटियों में इस बार कई विरोधी नेताओं को एक ही कमेटी में मेंबर बनाकर नई चर्चा छेड़ दी है।विधानसभा स्पीकर वासुदेव देवनानी ने 15 अलग-अलग कमेटियों में विधायकों को सभापति और मेंबर बनाने की मंजूरी दी है।
सबसे ज्यादा चर्चा विधानसभा की नियम समिति के मेंबर्स की है। इस समिति में सियासी रूप से विरोधी नेताओं को एक साथ मेंबर बनाया गया है।इसमें पूर्व सीएम अशोक गहलोत, वसुंधरा राजे, पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट, आरएलपी विधायक हनुमान बेनीवाल को मेंबर बनाया है। विधानसभा स्पीकर वासुदेव देवनानी इस समिति के सभापति हैं। इस समिति में इन नेताओं के अलावा कांग्रेस विधायक मुरारीलाल मीणा, बीजेपी विधायक प्रताप लाल भील और दीप्ति माहेश्वरी भी हैं।
नियम समिति की बैठक होगी तो वसुंधरा– बेनीवाल, गहलोत–पायलट चर्चा करेंगे
विधानसभा की कमेटियों की लगातार बैठकें होती हैं। हर साल इन कमेटियों की रिपोर्ट तैयार होती है। कमेटी की बैठक में शामिल होने पर हर नेता को भत्ता मिलता है। नियम समिति में शामिल हनुमान बेनीवाल और वसुंधरा राजे के बीच सियासी तल्खी जगजाहिर है। बेनीवाल तो यहां तक कहते हैं कि 15 साल में वसुंधरा राजे से कभी बातचीत तक नहीं हुई।
गहलोत और पायलट भी कांग्रेस की बैठकों के अलावा नहीं मिलते हैं। नियम समिति में कुल आठ नेता हैं, जब बैठक होगी तो ये विरोधी नेताओं के आपस में मिलने और चर्चा करने का मंच होगा।
कम मेंबर होने की वजह से आपस में चर्चा करने का मौका मिलेगा। यह अलग बात है कि कई बार कमेटी की बैठकों में नेता गैरहाजिर रह जाते हैं। अब नियम समिति की बैठक पर हर किसी की निगाह रहेगी। लोकसभा चुनावों के रिजल्ट के बाद नियम समिति की पहली बैठक होगी।