HMPV Virus: डूंगरपुर के 2 महीने के बच्चे में मिला चीनी HMPV वायरस

HMPV Virus: भारत में तीन मामले, राजस्थान का बच्चा संक्रमित

HMPV Virus का खतरा चीन के बाद अब भारत में भी HMPV Virus (Human Meta Pneumo Virus) तेजी से फैल रहा है। रविवार को इस वायरस के तीन नए मामले दर्ज किए गए हैं। इनमें दो मरीज बेंगलुरु से हैं, जबकि एक मामला गुजरात के एक अस्पताल में सामने आया है। गुजरात में संक्रमित पाया गया 2 महीने का बच्चा राजस्थान के डूंगरपुर जिले का निवासी है। फिलहाल, बच्चे की हालत स्थिर है और धीरे-धीरे उसमें सुधार हो रहा है।

संक्रमित बच्चे की स्थिति डूंगरपुर जिले के साबला कस्बे के 2 महीने का बच्चा सर्दी, जुकाम और खांसी से पीड़ित था। परिवार ने इलाज के लिए पहले उसे गुजरात के मोडासा ले जाया, लेकिन हालत में सुधार न होने पर अहमदाबाद के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया।

डॉक्टरों ने बताया कि बच्चे की प्रीमैच्योर डिलीवरी होने के कारण उसके फेफड़ों का विकास पूर्ण नहीं हो पाया था। जन्म के बाद से ही वह श्वसन और फेफड़ों से संबंधित समस्याओं से जूझ रहा था। कमजोर इम्युनिटी के चलते वह HMPV Virus की चपेट में आ गया। करीब 12 दिनों तक वेंटिलेटर पर रखने के बाद अब उसकी स्थिति स्थिर बताई जा रही है।

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HMPV Virus के लक्षण

HMPV Virus मुख्य रूप से श्वसन तंत्र को प्रभावित करता है। इसके लक्षण कोविड-19 से मिलते-जुलते हो सकते हैं।

  • खांसी
  • हल्का बुखार
  • घरघराहट
  • नाक बहना
  • गले में खराश गंभीर मामलों में सांस लेने में तकलीफ हो सकती है। यह वायरस शिशुओं और छोटे बच्चों के लिए ज्यादा खतरनाक है।

भारत में HMPV Virus के तीन मामले

डूंगरपुर के बच्चे में HMPV Virus की पुष्टि के बाद भारत में इस वायरस के कुल तीन मामले सामने आ चुके हैं। अन्य दो मामले कर्नाटक के बेंगलुरु में दर्ज हुए हैं। गुजरात स्वास्थ्य विभाग ने इस वायरस को लेकर हेल्थ एडवाइजरी भी जारी की है।

स्वास्थ्य विभाग की एडवाइजरी

  • खांसते या छींकते समय मुंह और नाक को रुमाल या टिशू से ढकें।
  • बीमार होने पर सार्वजनिक स्थानों पर जाने से बचें।
  • सांस संबंधी समस्या होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

HMPV Virus बचाव के उपाय

  • व्यक्तिगत स्वच्छता का ध्यान रखें।
  • भीड़भाड़ वाले स्थानों से बचें।
  • छोटे बच्चों और कमजोर इम्युनिटी वाले लोगों की विशेष देखभाल करें।

निष्कर्ष HMPV Virus श्वसन तंत्र पर हमला करता है और कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले लोगों के लिए विशेष रूप से खतरनाक हो सकता है। समय पर निदान और उचित इलाज से इस वायरस के प्रभाव को कम किया जा सकता है। डॉक्टरों का कहना है कि सावधानी और सतर्कता ही बचाव का सबसे अच्छा तरीका है।

 

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