सागवाड़ा/नगर सहित आसपास के क्षेत्र में बने ढाबों पर अवैध शराब बिक्री का कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है जिसकी लगातार मीडिया में खबरें आने के बाद पुलिस द्वारा अवैध ढाबा संचालकों पर कार्यवाही के नाम पर केवल खानापूर्ति की गयी। सागवाड़ा थाना पुलिस द्वारा बीते दिन गुरुवार को नगर के गामोठवाड़ा चौराहे के पास (गोरेश्वर मार्ग )पर महफिल ढाबा में कार्यवाही कर 4 किंगफिशर बियर, 10 प्रिंस देशी मदिरा शराब के पव्वे, 5 क्वार्टर आईबी, 4 क्वार्टर क्वांटि क्लब के जब्त किये। कार्यवाही के दौरान ढाबे पर बैठे ग्राहक व ढाबा संचालक अंधेरे का फायदा उठाकर मौके से भागने में कामयाब रहें।
सागवाड़ा थानाधिकारी ने बताया कि गुरुवार शाम को हेड कांस्टेबल हरीसिंह मय जाब्ता नगर में गस्त पर निकले। गस्त के दौरान गामोठवाड़ा चौराहे पहुंचे जहां मुखबीरी सूचना मिली की गोरेश्वर मार्ग पर स्थित महफिल ढाबा में ढाबा संचालक द्वारा ग्राहकों को शराब परोसी जा रही है। मुखबीरी सूचना विश्वसनीय होने पर हेड कांस्टेबल मय टीम के साथ महफिल ढाबा गामोठवाड़ा पहुंचे जहां ढाबे में बनी बांस की झोपड़ी में एक व्यक्ति द्वारा अंदर बैठे ग्राहकों को शराब परोसी जा रही थी। पुलिस टीम के पहुंचने पर ढाबे पर बैठे ग्राहक व ढाबा संचालक अंधेरे का फायदा उठाकर मौके से भागने में सफल रहे।
पुलिस ने ढाबे की तलाशी ली तो अंदर टीनशेड के नीचे फ्रिज के पास 4 बियर किंगफिशर, 10 पव्वे प्रिंस देशी मदिरा, 5 क्वार्टर आईबी, 4 क्वार्टर क्वांटि क्लब के मिले। इस पर पुलिस ने ढाबा संचालक पुष्पेंद्र सिंह पिता वासुदेव सिंह चारण निवासी लापणिया थाना साबला के खिलाफ अवैध शराब बेचने व ग्राहकों को बैठाकर शराब परोसने का मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस ढाबा संचालक की तलाश कर रही है।
– आबकारी विभाग की मौन सहमति है या विभाग में कर्मचारियों की कमी ?
सागवाड़ा नगर सहित क्षेत्र में ढाबों पर भारी पैमाने पर अवैध शराब की बिक्री धड़ल्ले से की जा रही है। आबकारी विभाग सरकारी दुकान चलाने में व्यस्त है और शराब माफियाओं द्वारा खुलेआम नगर सहित अंचल में शराब की सप्लाई की जा रही है। आबकारी विभाग की मौन सहमति है या विभाग में कर्मचारियों की कमी ? ये तो भगवान जाने, लेकिन शराबखोरी का ये धंधा अपने चरम पर है। जिसे रोकने में कोई कारगर कदम उठाने तक की जहमत विभाग द्वारा नहीं की गई है।
नगर के अधिकतर ढाबों में ढाबा संचालकों द्वारा शराब बेची व परोसी जा रही है। नगर में ढाबा संचालकों को कार्यवाही का कोई भय नहीं है। कई ढाबों पर तो शराब मिलने से लेकर पीने तक की व्यवस्था की हुई है। इस मामले में संबंधित थाना पुलिस और आबकारी विभाग के अधिकारियों को सबकुछ पता होने के बाद भी कार्यवाही नहीं कर रहे। यदि कभी-कभार कार्यवाही के लिए पहुंचते हैं भी तो खानापूर्ति कर कार्यवाही कर लौट आते हैं। जिससे शराब के अवैध कारोबार से जुड़े लोगों के हौसले अधिक बुलंद हो रहे हैं।
– शहर के आसपास प्रमुख मार्गों पर शराब के अवैध ढाबे
सागवाड़ा शहर से गुजर रहे प्रमुख मार्गों पर शराब की अवैध होटलों का संचालन धड़ल्ले से हो रहा है। गलियाकोट, डूंगरपुर समेत गौरेश्वर मार्ग जाने वाले रास्ते पर अवैध शराब के ढाबे व होटल होने से आबकारी व पुलिस प्रशासन की नाक के नीचे नियमों की धज्जियाँ उड़ाई जा रही है। मंदिर, कॉलेज, कॉलोनी और मुख्य मार्ग के प्रतिबंधित दायरे में अवैध शराब की होटल नहीं होनी चाहिए, लेकिन यहां कॉलेज के पास धड़ल्ले से शराब परोसी जाती है और पूरे समय शराबियों का मजमा लगा रहता है जिससे स्थानीय लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। वहीं, मंदिर, कॉलेज, कॉलोनी जाने वाली बच्चियां भी डर के साये में रहती हैं।
उल्लेखनीय है कि सागवाड़ा मुख्यालय सहित आसपास के ग्रामीण अंचलों में अवैध शराब का कारोबार तेजी से फल-फूल रहा है। जिसमें खास तौर पर युवा वर्ग शराब एवं अन्य नशीली वस्तुओं के मकड़जाल में फंसता जा रहा है। गांव-गांव में आसानी से अवैध रूप से शराब बिकने से युवा वर्ग इसके चपेट में आ रहे है। अवैध शराब बिक्री को लेकर आसपास के लोगों द्वारा आबकारी विभाग एवं थाने में कई बार शिकायत की गई है, बावजूद प्रशासन इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है। आमजन की शिकायत के बाद पुलिस प्रशासन द्वारा एक-दो दिन कार्यवाही की जाती है। जिसके बाद जस की तस वैसे ही खुलेआम शराब बिकना शुरू हो जाता है।