कोटपूतली-बहरोड़ (राजस्थान)। राजस्थान के कोटपूतली-बहरोड़ जिले के कीरतपुरा गांव में बोरवेल में गिरी तीन वर्षीय बच्ची चेतना को बचाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन लगातार आठ दिनों से जारी है। अधिकारियों का कहना है कि यह अब तक का सबसे चुनौतीपूर्ण और मुश्किल बचाव अभियान है।
चुनौतियां:
रेस्क्यू टीमों को कठोर चट्टानों और पथरीले इलाके में खुदाई के दौरान भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। सुरंग की खुदाई में देरी के मुख्य कारण चट्टानों की कठोरता और तापमान में अंतर हैं। बचाव कार्य में तेजी लाने के लिए विशेष उपकरण और खनन विशेषज्ञों को बुलाया गया है।
जिला प्रशासन की स्थिति:
जिला कलेक्टर कल्पना अग्रवाल ने बताया कि यह ऑपरेशन बेहद जटिल है, लेकिन सभी जरूरी उपकरण और विशेषज्ञ जुटाए गए हैं। उन्होंने कहा कि सुरंग का निर्माण चुनौतीपूर्ण है, लेकिन बचाव कार्य तेजी से किया जा रहा है।
रेस्क्यू टीम का प्रयास:
राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ), और स्थानीय प्रशासन की संयुक्त टीमों ने सुरंग बनाकर बच्ची तक पहुंचने का प्रयास तेज कर दिया है। उपनिरीक्षक महावीर सिंह ने बताया कि जवान लगातार अपने लक्ष्य के करीब पहुंच रहे हैं।
ग्रामीणों का आक्रोश:
बच्ची के परिवार और ग्रामीणों ने प्रशासन पर लापरवाही के आरोप लगाए हैं। 28 दिसंबर को ग्रामीणों ने कहा कि अगर प्रशासन ने शुरुआती समय में तेजी दिखाई होती, तो स्थिति अलग हो सकती थी।
रेस्क्यू ऑपरेशन की प्रगति:
अधिकारियों के अनुसार, गुरुवार रात (26 दिसंबर) को ऑपरेशन एक महत्वपूर्ण मोड़ पर पहुंचा, जब बोरवेल के पास सुरंग में आवरण पाइप उतारा गया। रविवार को आधे से अधिक काम पूरा हो चुका था, और उम्मीद है कि सोमवार तक बच्ची को बचा लिया जाएगा।
घटना का विवरण:
23 दिसंबर को चेतना अपने पिता के खेत में खेलते समय 40 फीट गहरे बोरवेल में गिर गई थी। तब से वह बोरवेल में फंसी हुई है।
अधिकारियों का बयान:
एनडीआरएफ के अधिकारियों ने कहा, “हम हर संभव प्रयास कर रहे हैं। चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों के बावजूद हम बच्ची को जल्द से जल्द सुरक्षित निकालने की कोशिश कर रहे हैं।”
बचाव कार्य अभी भी जारी है, और पूरा देश बच्ची की सलामती के लिए प्रार्थना कर रहा है।
