सागवाड़ा/होली के तीसरे दिन मंगलवार को नगर के कटारवाड़ा में कंडो की राड खेली गई। युवाओं ने 2 टोलियों में बंटकर एक दूसरे पर जमकर कंडे बरसाएं। करीब 3 घंटो तक चली कंडो की राड को देखने आसपास के कई गांवों के लोग पहुंचे। वहीं, कंडो की मार से कई लोगो को मामूली चोटें भी आई।
होली को लेकर आदिवासी बहुल डूंगरपुर जिले में कई परंपराएं निभाई जाती है। इसी के तहत कोकापुर में होली के धधकते अंगारों पर चलने, भीलूड़ा में पत्थरों की राड खेली गई। वहीं, आज नगर के कटारवाड़ा मैन रोड पर ही गोबर से बने कंडो की राड हुई।
दोपहर बाद कटारवाडा समेत आसपास क्षेत्र के लोग ढोल कुंडी की थाप पर गैर खेलते हुए इकट्ठे हुए। इसके बाद युवाओं की 2 टोलियो में बंट गए। कंडो की राड के लिए दोनों तरफ कंडो के ढेर रख दिए गए। देखते ही देखते युवाओं की दोनों टोलियों ने एक दूसरे पर कंडे मारना शुरू कर दिया। सड़क पर जहां देखो वहा कंडे फेल गए। इस दौरान कंडो की मार से कुछ लोगों को चोटें भी आई। वहीं, काफी संख्या में लोग देखने पहुंचे।
