बीकानेर। शारीरिक शिक्षा अध्यापक भर्ती-2022 में फर्जी डिग्री के मामले ने तूल पकड़ लिया है। माध्यमिक शिक्षा निदेशालय, राजस्थान ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि वे चयनित अभ्यर्थियों के शैक्षणिक दस्तावेज़ एसओजी को उपलब्ध कराएं।
निदेशक सीताराम जाट द्वारा जारी आदेश के अनुसार, यह मामला प्रकरण संख्या 37/2025 से जुड़ा है। इसमें धारा 419, 420, 467, 468, 471 एवं 120बी भा.द.सं. के तहत जांच चल रही है। आदेश के तहत सभी जिलों को कहा गया है कि बीपीएड/डीपीएड 2017-19, 2018-20, 2019-21 एवं 2020-22 बैच से उत्तीर्ण 204 अभ्यर्थियों के दस्तावेज़ 15 सितंबर को बीकानेर स्थित निदेशालय में वाहक स्तर पर प्रस्तुत करें, ताकि उन्हें संकलित कर एसओजी जयपुर भेजा जा सके।
एसओजी ने 26 जुलाई को दर्ज की थी एफआईआर
एसओजी ने खुलासा किया था कि 2,000 से अधिक अभ्यर्थियों ने उत्तरप्रदेश की जेएस यूनिवर्सिटी, शिकोहाबाद से बैकडेट और फर्जी डिग्रियों के आधार पर भर्ती में आवेदन किया। जबकि विश्वविद्यालय को 2017 से सिर्फ 100 सीटों की मान्यता प्राप्त थी। अधिकतम 400 अभ्यर्थी ही बीपीएड कोर्स से पास हो सकते थे, लेकिन 2082 अभ्यर्थियों ने आवेदन कर दिया। इससे बड़े पैमाने पर जालसाजी का पर्दाफाश हुआ। 26 जुलाई की रात जयपुर में एसओजी ने 165 चयनित अभ्यर्थियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी।
2018 की भर्ती में भी फर्जीवाड़ा
इतना ही नहीं, वर्ष 2018 की भर्ती में भी 11 अभ्यर्थियों के खिलाफ फर्जी दस्तावेज़ सामने आए थे। इन्हें सेवा से बेदखल किया गया, लेकिन बाद में अभ्यर्थी अदालत से स्टे ले आए। यही नहीं, 2022 भर्ती में भी जिले के 10 अभ्यर्थियों पर एफआईआर दर्ज है, फिर भी वे अब तक स्कूलों में कार्यरत हैं।
5546 पदों के लिए निकली थी भर्ती
राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड ने वर्ष 2022 में शारीरिक शिक्षा अध्यापक सीधी भर्ती परीक्षा के तहत 5546 पदों पर विज्ञप्ति जारी की थी। इसमें टीएसपी क्षेत्र के लिए 647 और गैर-टीएसपी क्षेत्र के लिए 4899 पद शामिल थे।
इस कार्रवाई को भर्ती प्रक्रिया की पारदर्शिता सुनिश्चित करने की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है।