सागवाड़ा। एकलव्य भील सेवा संस्थान के तत्वावधान में शनिवार को महर्षि वाल्मीकि जयंती मनाई। सुबह में तहसील के पीछे स्थित वाल्मिक ऋषि मंदिर से बेणेश्वर धाम के पीठाधीश्वर महंत अच्युतानंदजी महाराज के सानिध्य में शोभा यात्रा शुरू हुई। शोभायात्रा में आगे धर्म ध्वजाएं लेकर भक्तगण चल रहे थे। शोभायात्रा में वाल्मीकि ऋषि महाराज की झांकी, सीता माता, लव, कुश, भगवान शंकर और वीर एकलव्य की मनोहारी झांकी सजाई गई थी। पीठाधीश्वर बग्गी में विराजित थे। आगे भक्त मंडली भजन कीर्तन करते हुए चल रही थी। बग्गी के पीछे माताएं बहने भजन कीर्तन और प्रभु के जयकारे लगाते हुए चल रही थी। शोभा यात्रा में सैकड़ों श्रद्धालु भक्ति गीतों पर झूमते हुए चल रहे थे।
शोभायात्रा गोल चौराहा पहुंचने पर नगरपालिका अध्यक्ष नरेंद्र खोड़निया और कांग्रेस नगर अध्यक्ष ललित पंचाल समेत जनप्रतिनिधियों ने पीठाधीश्वर का माल्यार्पण द्वारा स्वागत कर आशीर्वाद लिया। इसके बाद शोभायात्रा सदर बाजार, नया बाजार, मांडवी चौक, शुक्ल वाडा, सलाटवाड़ा, कुम्हारवाड़ा होते हुए लोहारिया तालाब के किनारे स्थित वाल्मिकी मंदिर पहुंची। जहां मंदिर परिसर में धर्म सभा का आयोजन हुआ।
बेणेश्वर धाम के महंत अच्युतानंद जी महाराज ने आशीर्वचन दिया। परतापुर से पधारे रामलालजी महाराज ने संबोधित किया। समाज के अध्यक्ष मोहन लाल भगोरा ने स्वागत उद्बोधन दिया। अतिथियों ने अपने संबोधन में धर्म और कर्तव्यों का पालन करने की बात कही। साथ ही बच्चों को उच्च शिक्षा और श्रेष्ठ संस्कार देने की आवश्यकता जताई। अतिथियों द्वारा समाज की करीब 72 प्रतिभाओं का सम्मान किया गया। इस अवसर पर नगर के 12 फलों और आस-पास गांवों से समाजजन मौजूद थे। संचालन निशांत डेंडोर, सुखलाल डामोर ने किया और आभार नानू भाई मकवाना ने जताया।