Ramayan Mahotsav In Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ के राजगढ़ जिले में भूपेश सरकार राष्ट्रीय रामायण महोत्सव का आयोजन करवा रही है। इसके लिए तैयारी जोरों पर है। रायगढ़ की पहाड़ियों पर रामराज की कहानी मिलती है। आइए जानते हैं राष्ट्रीय रामायण महोत्सव से क्या साधने की तैयारी है।
रायपुर: छत्तीसगढ़ में रायगढ़ (Ramayan Mahotsav In Raigarh) संस्कृतिधानी के नाम से मशहरू है। रायगढ़ ऐतिहासिक और पुरातात्विक धरोहर को संजोकर रखने के लिए सुप्रसिद्ध है। वहीं, अब भगवान राष्ट्रीय रामायण महोत्सव के ऐतिहासिक कार्य के लिए जाना जाएगा। कला नगरी के नाम से मशहूर रायगढ़ की अपनी अलग पहचान है। रायगढ़ की पहाड़ियों पर रामनमी संस्कृति के लोग उस स्थान पर पहुंचकर हर साल पूजा अर्चना करते हैं। रामायण महोत्सव के कारण रायगढ़ की फिजा में राम धुन सुनाई दे रही है। आयोजन के दौरान बड़े-बड़े कलाकारों को न्यौता दिया गया है। साथ सरकार की तरफ से सभी राजनैतिक लोगों को भी बुलाया गया है।
राष्ट्रीय रामायण महोत्सव का आयोजन रायगढ़ में हो रहा है। इसकी मुख्य वजह क्योंकि यह रायगढ़ के इतिहास से भी बड़ा जुडाव रखता है। यहां की पहाड़ियों पर आज भी रामराज्य की गाथा गाती हैं। यह शैल चित्र धर्मजयगढ़ विकासखंड से 8 किलोमीटर दूर ओंगना की पहाड़ियों पर है। यहां के शैल चित्रों में दस सिर वाला व्यक्ति भी है, जो कि युद्ध करता दिखाई देता है।
रायगढ़ से रामायण का जुड़ाव, हजारों वर्ष पुराने शैल चित्र
शैल चित्र प्राचीन कालीन समाज और जीवनशैली को बताता है। रायगढ़ के पहाड़ियों में बड़ी-बड़ी चट्टानों पर रामराज का इतिहास है। हजारों वर्ष पूर्व बने ओंगना पहाड़ी के इन शैलाश्रयों में बने चित्र जनश्रुतियों के अनुसार तब के समाज में रामायण के प्रभाव को दिखाने का काम करते हैं। यह शैल चित्र रामायण की गाथा पीढ़ियों से बता रही है।
किस तरह से होगा राष्ट्रीय महोत्सव
रायगढ़ के रामलीला मैदान में 01 से 03 जून तक प्रदेश का पहला राष्ट्रीय रामायण महोत्सव का भव्य आयोजन होने जा रहा है। इसमें मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी मौजूद रहेंगे। कार्यक्रम के दौरान देश-विदेश की मंडलियां रामायण के अरण्य काण्ड पर प्रस्तुति देंगी। इस विराट आयोजन की तैयारियां जोर-शोर से की जा रही है। रामायण प्रसंग के मंचन के साथ ही कार्यक्रम में हनुमान चालीसा का सामूहिक पाठ और केलो महाआरती और दीपदान का कार्यक्रम भी आयोजित है।
देश का इकलौता कौशल्या माता मंदिर छत्तीसगढ़ में
भगवान राम का ननिहाल जिसे छत्तीसगढ़ के नाम से जाना जाता है। छत्तीसगढ़ की धरा से भगवान के राम के जुड़ाव के कई बाते सामने आई हैं। छत्तीसगढ़ को भगवान श्री राम की माता कौशल्या की जन्मभूमि माना जाता है। यही कारण है कि छत्तीसगढ़ में उन्हें भांजे का दर्जा प्राप्त है। इतना ही नहीं प्रदेश की माता कौशल्या को आराध्य माता माना गया है। चंदखुरी में देश का इकलौता कौशल्या माता का मंदिर निर्मित है।
हिंदुत्व की राह पर भूपेश बघेल
दरअसल, चुनावी साल में छत्तीसगढ़ सरकार हिंदुत्व की राह पर चल रही है। रामायण महोत्सव के जरिए भूपेश सरकार अपना नफा नुकसान देख रही है। इसके साथ ही राम से जुड़ी जगहों को संवारने की कोशिश में सरकार लगातार लगी हुई है। सीएम भूपेश बघेल ने एक पोस्टर ट्विटर पर शेयर किया है। इसमें लिखा है कि विद्यावन गुनी अति चातुर, राम काज करिबे को आतुर।