जयपुर। राजेश पायलट की आज 23वीं पुण्यतिथि है। 11 जून 2000 को उनका सड़क हादसे में निधन हो गया था। उस दिन वो अपने लोकसभा क्षेत्र दौसा के दौरे पर थे। दौसा से जयपुर जाते वक्त भंडाना में उनकी गाड़ी दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी। तब से हर साल लगातार दौसा में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया जाता है।
राजस्थान में कांग्रेस नेता सचिन पायलट के राजनीतिक भविष्य को लेकर कयासबाजी का दौर थमा नहीं है। रविवार को उन्होंने अपने पिता राजेश पायलट की पुण्यतिथि पर दौसा के भंडाना में श्रद्धांजलि सभा को संबोधित किया है। कार्यक्रम की शुरुआत से पायलट के तेवर तीखे रहे। उन्होंने मुख्यमंत्री के नाम लिए बिना कई हमले बोले। सचिन पायलट ने कहा, अगर हम गरीबों की मदद करें तो केंद्र के नेता कहते हैं कि खजाने का दिवाला निकल जाएगा और यहां लोग कहते हैं कि नौजवानों की मदद की तो मानसिक दिवालियापन हो जाएगा। अगर हमने कोई मांग उठाई है तो वो लोगों के लिए है।
बता दें कि कुछ दिन पहले ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा था कि विपक्ष कहता है कि पेपर पीड़ितों को मुआवजा दो। बताओ यह कैसा मानसिक दिवालियापन है। सचिन पायलट ने वसुंधरा राजे पर भी हमला बोला और कहा, वो मुझसे बड़ी हैं, लेकिन मैंने कभी अपनी भाषा की मर्यादा का उल्लंघन नहीं किया। मैं तो 365 दिन उनका विरोध करता हूं. खान आवंटित हुई और निरस्त हुई लेकिन खान आवंटित तो हुई थी ना और किसने की?
‘हर गलती की कीमत सजा मांगती है’
यहां भी सचिन पायलट के टारगेट पर गहलोत थे। क्योंकि एक इंटरव्यू में मुख्यमंत्री ने कहा थी कि जो खान दी गई थी, उसका लाइसेंस निरस्त कर दिया गया है। पायलट ने अपने भाषण के आखिर में भी मुख्यमंत्री गहलोत पर निशाना साधा। गहलोत के बयान को दोहराते हुए कहा कि हर गलती की कीमत सजा मांगती है। मैं आपको वादा करना चाहता हूं कि आज नहीं तो कल सबको न्याय मिलेगा।