स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. बीएल मीणा प्रथम के निजी क्लिनिक पर पहुँचा प्रशासन, सरकारी अस्पताल के समय पर डॉ. मीणा अपने निजी क्लिनिक पर देख रहे थे मरीज़

लंबे समय से चली आ रही शिकायतों के बाद प्रशासन ने की कार्रवाई

सागवाडा। नगर के सरकारी अस्पताल के एक डॉक्टर द्वारा चलाए जा रहे निजी क्लिनिक पर पुलिस और प्रशासन ने पहुंचकर कार्यवाही की। सागवाडा के सरकारी अस्पताल में कार्यरत स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. बीएल मीणा प्रथम के खिलाफ़ यह लंबे समय से शिकायतें आ रही थीं कि वे सरकारी समय पर अपने निजी क्लीनिक में मरीज़ों को देखते हैं, जिससे लोगों को परेशानी हो रही है।

इन्ही शिकायतों को देखते हुए सोमवार दोपहर को सागवाडा के उपखण्ड अधिकारी श्रवण सिंह राठौड़, डिप्टी विक्रम सिंह और तहसीलदार आस्था बामणिया सरकारी अस्पताल के पास ही भीखा भाई कॉम्पलेक्स में स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. बीएल मीणा प्रथम के निजी क्लिनिक पर पहुँचे और वहाँ खड़े लोगों से सारी जानकारी ली। यहां 30 से 40 लोग खड़े थे जो इलाज के लिए आये हुए थे। निरीक्षण के दौरान मेल नर्स ताराचन्द वर्मा क्लिनिक पर मौजूद था। निरीक्षण में पाया गया कि रजिस्टर में 67 मरीज़ों के नाम दर्ज थे जिनमे से 18 पेशेन्ट को डॉक्टर देख चुका था।

क्लिनिक में 4 बेड लगे हुए थे। क्लीनिक में एक पेशेंट की ड्रिप चढ़ी हुई थी। क्लिनिक में निजी व्यक्तिय ताराचंद द्वारा पेशेंस को ड्रिप चढ़ाई गई थी। एसडीएम द्वारा जब उससे उसकी डिग्री के बारे में पूछा गया तो उसने डिग्री घर पर पड़ी होना बताया। यह सब देख अधिकारियों ने अस्पताल के PMO डॉक्टर राजाराम को मौक़े पर बुलाया और मामले के बारे में बताया। जिसपर पीएमओ ने बताया कि करीब एक घण्टे पहले ही क्लिनिक पर जा कर ड्यूटी के समय निजी अस्पताल में कार्य नही करने के बारे में बता दिया था।

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उल्लेखनीय है कि सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों द्वारा अपने निजी क्लीनिक चलाने की शिकायत लंबे समय से चल रही थी, पंचायत समिति की बैठकों में भी जन प्रतिनिधियों ने यह मामला उठाया था। अस्पताल में आने वाले लोग भी यह शिकायत आये दिन कर रहे थे कि डॉक्टर समय पर उपलब्ध नहीं होते हैं। इधर, डॉ. बीएल मीणा प्रथम ने अधिकारियों को बताया कि वे सुबह से ही ऑपरेशन थियेटर में थे और उनके द्वारा सुबह 8-9 के बीच में ही पेशेंट्स की जाँच की गई है। हालाँकि प्रशासन की ओर से बनाए गए मौक़े पर्चे में यह स्पष्ट लिखा गया है कि डॉक्टर की इस बात पर संदेह है कि वह अस्पताल समय में अपने क्लिनिक पर पेशेंट्स नहीं देखते हैं।

रिपोर्ट में ऐसे डॉक्टर जो अस्पताल समय में अपने निजी क्लीनिक पर सेवाएँ दे रहे हैं उनके ख़िलाफ़ नियमानुसार कार्रवाई की माँग की गई है। एसडीएम के निर्देश अनुसार पटवारी मुकेश पाटीदार ने मौका पर्चा बनाया।

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