Shardiya Navratri 2023 Day 3 : नवरात्रि के दो दिन पूरे हो गए हैं और तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा की जाती है। नवरात्रि के तीसरे दिन यानी 17 अक्टूबर को मां चंद्रघंटा की पूजा की जाएगी। मां के इस रूप में पूजा करने से बुरी बलाओं से मुक्ति मिलती है। मां के माथे पर अर्ध चंद्र विराजमान है जिसके कारण मां को चंद्रघंटा नाम से पुकारा जाता है इसके अलावा मां को चंद्रखंड, चंडिका और रणचंडी आदि नामों से भी जाना जाता है। आइए जानते हैं मां चंद्रघंटा की पूजा-विधि, शुभ मुहूर्त और मंत्र
मां चंद्रघंटा की पूजा विधि
- सुबह प्रातः काल उठकर नहाना चाहिए।
- इसके बाद नए अथवा साफ-सुथरे वस्त्र धारण करें।
- मां चंद्रघंटा का स्मरण करें।
- मां की मूर्ति या फोटो साफ-सुथरे लाल या पीले कपड़े पर रख दें।
- इसके बार मां चंद्रघंटा को कुमकुम, अक्षत का तिलक करें।
- मां को लाल चुनरी चढ़ाएं।
- मां को लाल रंग के फूल चढ़ाएं।
- मां मां चंद्रघंटा को भोग लगाएं।
- पूजा के दौरान मां के मंत्रों का जाप करें।
- और अंत में आरती करें।
- मां की विधि-विधान से पूजा करने के बाद अपनी भूल-चूक के लिए माफी मांग लें।
मां चंद्रघंटा मंत्र
- पिण्डजप्रवरारूढ़ा ण्डकोपास्त्रकेर्युता।प्रसादं तनुते मह्यं चंद्रघण्टेति विश्रुता॥
- या देवी सर्वभूतेषु मां चंद्रघंटा रूपेण संस्थिता।नमस्तस्यै, नमस्तस्यै, नमस्तस्यै, नमो नम:।।
- ॐ देवी चन्द्रघण्टायै नमः॥
वन्दे वाञ्छितलाभाय चन्द्रार्धकृतशेखराम्।सिंहारूढा चन्द्रघण्टा यशस्विनीम्॥मणिपुर स्थिताम् तृतीय दुर्गा त्रिनेत्राम्।खङ्ग, गदा, त्रिशूल, चापशर, पद्म कमण्डलु माला वराभीतकराम्॥पटाम्बर परिधानां मृदुहास्या नानालङ्कार भूषिताम्।मञ्जीर, हार, केयूर, किङ्किणि, रत्नकुण्डल मण्डिताम॥प्रफुल्ल वन्दना बिबाधारा कान्त कपोलाम् तुगम् कुचाम्।कमनीयां लावण्यां क्षीणकटि नितम्बनीम्॥
शारदीय नवरात्रि 2023 तीसरे दिन का शुभ मुहूर्त
राहुकाल- दोपहर 12 बजकर 12 मिनट से दोपहर 01 बजकर 41 मिनट तक
यमगण्ड- सुबह 07 बजकर 42 मिनट से 09 बजकर 12 मिनट तक
आडल योग- सुबह 06 बजकर 12 से 06 बजकर 14 तक
गुलिक काल- सुबह के 10 बजकर 42 से 12 बजकर 12 तक
दुर्मुहूर्त- 11 बजकर 48 मिनट से 12 बजकर 35 मिनट तक
रवियोग- संध्याकाल 08 बजकर 31 मिनट से लेकर अगले दिन सुबह 06 बजकर 23 मिनट तक