जयपुर/पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने SI भर्ती परीक्षा पर आए हाईकोर्ट के फैसले के बाद भाजपा और राज्य सरकार को घेरा है। उन्होंने कहा कि इस फैसले ने भाजपा के दोहरे चरित्र को जनता के सामने उजागर कर दिया है।
गहलोत ने कहा कि भाजपा जनता के सामने तो परीक्षा रद्द करने की बात करती है, लेकिन हाईकोर्ट में एफिडेविट देकर उसका विरोध करती है। जबकि कांग्रेस सरकार के दौरान REET पेपर लीक मामले में परीक्षा रद्द करवाई गई थी और दोबारा परीक्षा आयोजित की गई।
पेपर लीक पर कांग्रेस की सख्ती
गहलोत ने कहा कि उनकी सरकार ने पेपर लीक रोकने के लिए सबसे सख्त कानून बनाया था।
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आजीवन कारावास और 10 करोड़ रुपए जुर्माने का प्रावधान किया।
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दोषियों की संपत्ति कुर्क करने का कानून लागू किया।
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SOG में एंटी-चीटिंग सेल का गठन किया, जिसने सैकड़ों आरोपियों को जेल भेजा।
गहलोत ने याद दिलाया कि RPSC सदस्य बाबूलाल कटारा को भी कांग्रेस सरकार ने पद पर रहते हुए गिरफ्तार किया था, जिससे यह संदेश दिया जा सके कि आरोपी चाहे किसी भी स्तर का क्यों न हो, उसे बख्शा नहीं जाएगा।
भाजपा नेताओं पर तंज
गहलोत ने कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा और हनुमान बेनीवाल पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि दोनों दोस्त हैं और हमारी सरकार गिराने की साजिश में हेलिकॉप्टर लेकर पूरे राजस्थान घूमे थे।
बेरोजगारी और पेपर लीक का माहौल
गहलोत ने कहा कि देशभर में बेरोजगारी इतनी बढ़ गई है कि लगभग हर राज्य में भर्ती परीक्षाओं में पेपर लीक हो रहा है। आर्मी, नीट, ज्यूडिशियल समेत 50 से ज्यादा मामलों में पेपर लीक हुआ है। लेकिन राजस्थान ने सबसे पहले सख्त कदम उठाकर पूरे देश के लिए मिसाल कायम की।