Bageshwar Dham : लाखों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र त्रिवेणी संगम बेणेश्वरधाम देश प्रदेश के साथ विश्व मानचित्र पटल पर ख्याति लिए हुए है। बेणेश्वरधाम के टापू के चारों ओर सोम, माही व जाखम नदियां बारह महीना कल कल बह रही हैं। इस टापू पर धार्मिक स्थलों को लेकर राजस्व विभाग द्वारा 2016 में गैर आबादी का राजस्व गांव घोषित किया गया। पूरा टापू बिलानाम घोषित है। हर साल बारिश के दिनों में सोम व माही डेम के 12 व 16 गेट खोलने के बाद नदियों के उफान के चलते बेणेश्वर टापू से मिट्टी का कटाव साल दर साल बढ़ता ही जा रहा है, जो लाखों श्रद्धालुओं व प्रशासन क साथ सरकार के लिए चिंता का विषय है।
8 साल में 5 हैक्टेयर जमीन का कटाव
2015-16 में तत्कालीन भाजपा सरकार ने बेणेश्वरधाम के विकास के लिए 255 करोड़ के मास्टर प्लान का खाका तैयार किया। टापू राजस्व रिकॉर्ड में इंद्राज नहीं होने पर राजस्थान धरोहर संरक्षण व मेला प्राधिकरण देवस्थान विभाग द्वारा टापू की जमीन का सर्वे कराकर गैर आबादी वाला गांव घोषित कर दौलपुरा पंचायत में इंद्राज किया।
राजस्व आंकड़े 2015-16 के सर्वे के अनुसार बेणेश्वरधाम टापू की कुल जमीन 80.75 हैक्टेयर थी। वहीं 2024 के सर्वे कार्य में धाम की जमीन करीब 76.33 हैक्टेयर रह गई। ऐसे पिछले 8 सालों में धाम पर अवैध निर्माण कार्य के साथ साथ बारिश के दिनों में नदियों के उफान के चलते करीब पांच हैक्टेयर जमीन का कटाव हो चुका है। समय रहते प्रशासन व सरकार सचेत नहीं हुए तो भविष्य में कई मुसीबतों का सामना करना पड़ सकता है।
धाम के विकास के साथ मिट्टी के कटाव को लेकर प्रदेश सरकारों ने कई मास्टर प्लान बनाए पर धरातल तक आते आते सरकार ही बदल जाती है। बेणेश्वरधाम के चारों नदियों के बहाव व वीरान जगह होने से आबादी नगण्य रही है । ऐसे में राजस्व विभाग ने सेटलमेंट कर बेणेश्वर धाम को गैर आबादी वाला राजस्व गांव घोषित किया है।
पूर्व विधायक गोपीचंद मीणा ने बताया-बेणेश्वर धाम के विकास को लेकर भाजपा सरकार ने 255 करोड़ का मास्टर प्लान बनाया। इसमें 100 करोड़ रुपए का बजट जारी हो चुका है। इस बजट से धाम के कटाव को रोकने के लिए चारों ओर रिंगवाल बनाने की पहली प्राथमिकता रहेगी।
साबला/आसपुर एसडीएम चिमन लाल मीणा ने बताया-बेणेश्वर धाम पर मिट्टी कटाव संबंधी जानकारी लेकर ही कुछ कह सकता हूं। हाल ही जॉइन किया है।