डूंगरपुर/जयपुर से असारवा जा रही सुपरफास्ट ट्रेन पर बदमाशों ने सुबह साढ़े 5 बजे पथराव कर दिया। पथराव में ट्रेन की एक बोगी का कांच टूट गया। टूटे कांच के साथ ही पत्थर भी बोगी में आकर गिरा। पत्थरबाजी में किसी यात्री को चोट नहीं आई है। पथराव की घटना से यात्री घबरा गए। मामला डूंगरपुर के बिछीवाड़ा थाना क्षेत्र के बलवाड़ा रेलवे फाटक के पास का है।
बोगी में सवार यात्री अनुराग कटारा ने बताया कि ट्रेन रविवार सुबह करीब 5 बजे डूंगरपुर स्टेशन पर पहुंची। यहां से सवारियां लेने के बाद ट्रेन करीब सवा 5 बजे असारवा के लिए रवाना हो गई। सुबह करीब साढ़े 5 बजे बिछीवाड़ा थाना क्षेत्र में बलवाड़ा रेलवे फाटक के पास भुवनेश्वर के बीच पहाड़ियों पर पहुंचते ही बदमाशों ने ट्रेन पर अचानक पथराव कर दिया। पत्थर ट्रेन की कई बोगियों पर लगे, लेकिन पीछे की ओर एक बोगी का कांच टूट गया। जिससे पत्थर बोगी के अंदर आकर गिरा। कांच भी टूटकर सीट और बोगी के अंदर गिरे। पथराव में किसी भी यात्री को कोई चोट नहीं आई।
बिछीवाड़ा थानाधिकारी मदनलाल और डूंगरपुर रेलवे स्टेशन मास्टर राकेश पंड्या ने घटना को लेकर किसी भी तरह की जानकारी से इनकार किया है।
6 महीने पहले भी हुआ था पथराव
डूंगरपुर से असारवा ट्रेन पर पहले भी पथराव की घटनाएं हो चुकी हैं। 6 महीने पहले ट्रेन पर बदमाशों ने पत्थर मारे थे। जिसमें ट्रेन के कांच फूटे थे। इसे लेकर बिछीवाड़ा थाने में रिपोर्ट दी गई, लेकिन अब तक उसमें आरोपी नहीं पकड़े गए।
पटरियों को उड़ाने की भी हुई थी साजिश
डूंगरपुर से उदयपुर रेल लाइन को 8 महीने पहले जावर माइंस के पास में उड़ाने की साजिश हुई थी। उस समय पटरियों को विस्फोटक के जरिए क्षतिग्रस्त कर दिया था। बाद में उदयपुर पुलिस ने ब्लास्ट करने वाले 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया था और एक नाबालिग को हिरासत में लिया था।
मुआवजा और नौकरी नहीं मिलने से थे नाराज
1974-75 और 1980 में धूलचंद मीणा की जमीन रेलवे और हिंदुस्तान जिंक ने अधिग्रहित की थी। इसके बाद उसको मुआवजा या नौकरी नहीं मिली। इसके लिए यह लगातार कई साल से प्रयास कर रहा था। जब कोई मदद नहीं मिली तो गुस्से में ट्रैक उड़ाने का प्लान बनाया।