शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए पांच दशक पहले देखे गए पिता के सपने को बेटा साकार करेगा। इसके लिए उसने गांव की जर्जर हो चुकी स्कूल बिल्डिंग को 2 करोड़ 10 लाख रुपए में हाईटेक बनाकर देने का प्रस्ताव सरकार को दिया। राज्य सरकार ने भामाशाह योजना के तहत गांव के राजकीय उच्च माध्यमिक स्कूल बोडीगामा को नया बनाने के प्रस्ताव को मंजूर कर दिया है। इसके साथ ही पिता के नाम पर स्कूल का नाम ‘लालजी पंड्या सीनियर सेकेंडरी स्कूल बोड़ीगामा छोटा’ डूंगरपुर हो जाएगा।
साबला पंचायत समिति के बोड़ीगामा छोटा गांव के मनोज पांडे ने बताया की उनका परिवार मूल रूप से बोड़ीगामा छोटा गांव का रहने वाला है। गांव में बड़ी सरकारी स्कूल नहीं होने से उनके पिता को इंदौर शहर में जाकर एमकॉम की पढ़ाई करनी पड़ी। पढ़ाई पूरी करने के बाद वे वापस गांव आ गए। 5 दशक पहले उनके पिता लालजी पांडे बोड़ीगामा पंचायत के 10 सालों तक निर्विरोध सरपंच रहे।
इस दौरान उन्हें गांव में शिक्षा को बढ़ावा देने का सपना देखा। गांव में सरकारी स्कूल खुलवाई, लेकिन उच्च शिक्षा की सुविधा नहीं होने से बच्चों को बाहर जाना पड़ता था। राजकीय उच्च माध्यमिक स्कूल बोडीगामा की बिल्डिंग जर्जर हो चुकी है।
पांडे ने बताया की गांव में उनका सामाजिक कार्यक्रमों को लेकर आना जाना रहता है। इस दौरान स्कूल बिल्डिंग की जर्जर हालत देखकर इसे नया बनाकर देने का विचार आया। राज्य सरकार की भामाशाह योजना के तहत गांव के स्कूल को नया बनाने के लिए विभाग को प्रस्ताव दिया था। इसके तहत 2 करोड़ 10 लाख रुपए में पूरे स्कूल के नवीनीकरण का प्रोजेक्ट पेश किया। ज्ञान संकल्प पोर्टल की संविक्षा समिति की बैठक में इसे अनुमोदित कर दिया।
मनोज बताते हैं 2 करोड़ 10 लाख रुपए में स्कूल के पुराने जर्जरहाल भवन की जगह ग्राउंड फ्लोर पर 7 क्लास रूम, 1 बड़ा हॉल, बॉयज और गर्ल्स के लिए अलग-अलग टॉयलेट, डबल मंजिल में ऊपर की ओर 2 कमरे, स्टाफ रूम, लाइब्रेरी, कंप्यूटर रूम बनाए जाएंगे।
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