अट्ठाईस वर्षों से चली आ रही टामटिया से अंबाजी की पदयात्रा की परंपरा

जय अंबे पदयात्रा संघ को मिला है अंबाजी में विशेष दर्जा

सागवाड़ा। गुजरात के बनासकांठा जिले की दांता तहसील में शक्तिपीठ अंबाजी में 23 सितंबर से 29 सितंबर तक आयोजित भादरवी पुनम के महामेले में जय अंबे पदयात्रा संघ टामटिया की विगत 28 वर्षों से जारी पदयात्रा का दौर इस वर्ष भी जारी रहेगा। मां भक्त करीब 204 किमी की पदयात्रा कर छठे दिन अंबाजी पहुंच दर्शन के साथ धर्म ध्वजा चढ़ाते हैं।

जय अम्बे पदयात्रा संघ के संचालक मुकेश प्रजापत के नेतृत्व में पदयात्रा की तैयारियों के तहत पदयात्रियों से सहमति पत्र, साथ चलने वाले रथ का नवीनीकरण, धर्म ध्वजा तथा रास्ते में नाश्ता व भोजन की व्यवस्था की गई है। उन्होंने बताया कि पदयात्रा संघ रजिस्टर्ड है। दल में अधिकतम 51 सदस्य होंगे। पदयात्रियों से स्वयं व पिता के हस्ताक्षर युक्त सहमति पत्र लिए जाते हैं। संघ की और से पदयात्रियों को नि:शुल्क भोजन, पानी, चाय-नाश्ता, आवास, चिकित्सा व मार्ग में जरुरत पडऩे पर वाहन सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। पदयात्रियों को दो जोड़ी तैयार कुर्ता पाजामा, एक जोड टीशर्ट व पाजामा उपलब्ध कराया जाता है। पदयात्रियों का रात्रि विश्राम थाणा, शामलाजी, लाडा बावजी, खेडब्रह्मा, हडात में होगा।

साथ में चलता है माताजी का मंदिर
आर्किटेक दीपक सुथार के मार्गदर्शन में सेमल की लकड़ी से मातारानी का रथनुमा मंदिर बनाया है जिसमें देवी की प्रतिमा होगी। रथनुमा मंदिर को इलेक्ट्रिशियन हितेश पंड्या द्वारा मुंबई व अहमदाबाद से मंगाई अत्याधुनिक लाईटों व साऊंड सिस्टम से सजाया है जिसे कार के ऊपर रखा जाएगा। यात्रा के दौरान प्रतिदिन सुबह व शाम को मंदिर में नियमित पूजा-अर्चना, आरती, भोग व प्रसाद वितरण किया जाता है। पदयात्रा में टामटिया व निकटस्थ गांवों से सर्वसमाज के धर्मप्रेमी युवा शामिल होते हैं। अम्बाजी मन्दिर प्रशासन द्वारा भारत से विभिन्न जगह से आने वाले पदयात्रा संघो में टामटिया संघ को विशेष दर्जा दिया हुआ है। पदयात्रा में रमेश ननोमा, पण्डित धर्मेश पण्ड्या, सुनील सुथार, अमितपुरी गोस्वामी, कपिल पंचाल, भावेश प्रजापत, नितेश बुनकर, राजू पाटीदार शामिल होंगे।

मंदिर पर चढ़ाएंगे 51 मीटर लंबी ध्वजा
पदयात्री अपने साथ 51 मीटर लंबी धर्म ध्वजा साथ ले जाते हैं। मंदिर पहुंच दर्शन के साथ मातारानी को चुनरी व आभूषण भेंटकर मंदिर पर धर्म ध्वजा चढाते हैं। प्रजापति ने बताया कि इस वर्ष पदयात्रा 21 सितंबर से प्रारंभ होगी।

ये हैं पदयात्रा के संस्थापक
संघ के संस्थापक लोकेन्द्र पण्डया एवं मुकेश प्रजापत हैं। 1999 में टामटिया जय अम्बे पदयात्रा संघ की स्थापना की थी। टामटिया संघ की स्थापना पूर्व सागवाड़ा से जाने वाले भोई समाज एवं नागर समाज बांसवाड़ा वाले दल के साथ पदयात्रा करते थे। इस पदयात्रा में मुकेश प्रजापत की 29वीं पदयात्रा है एवं संघ को मार्गदर्शन देने वाले लोकेन्द्र पण्डया की 33वीं पदयात्रा हैं।

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अंबाजी की पदयात्रा
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