डूंगरपुर। जिला मुख्यालय पर स्थित एसबीपी कॉलेज भवन के जर्जर कमरों को गिराने का कार्य सोमवार को शुरू हुआ। इस जर्जर भवन के गिरने के बाद बच्चों में खुशी जाहिर की है। कॉलेज के एबीवीपी इकाई ने सरकार के इस फैसले का स्वागत करते हुए अपने संघर्ष की जीत बताई है।
वही भवन के गिरने से अब बच्चों के पास कक्षा-कक्ष की कमी का सबसे बडा संकट आ गया है। इसके लिए कॉलेज प्रशासन से अस्थाई भवन की मांग की गई है। झालावाड जिले में स्कूल भवन के जर्जर होकर गिरने से सात बच्चों की मौत के बाद डूंगरपुर जिला मुख्यालय पर श्रीभोगीलाल पंडया महाविद्यालय भवन को गिराने की प्रक्रिया आज दोपहर को शुरु की गई।
संभाग के सबसे ज्यादा नामांकन वाले एसबीपी कॉलेज में पिछले दस साल से जर्जर भवन में बैठाकर पढाई होती थी। इस भवन में पिछले दो साल में बच्चों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई थी। नए भवन निर्माण के लिए एनएसयूआई, एबीवीपी और बीपीवीएम पिछले पांच साल से आंदोलन कर रही है। इस सरकार ने कॉलेज शिक्षा आयुक्तालय से 22 करोड स्वीकृत किए गए है लेकिन तकनीकी समस्या के कारण टेंडर प्रक्रिया शुरू नही हो पाई है।
ऐसे में जर्जर कमरों से हमेशा गिरने का भय बना हुआ था। इसी को देखते हुए आज कॉलेज प्रशासन ने राज्य सरकार के आदेश पर जर्जर कमरों को हिटाची से गिराने का कार्य शुरू किया। इसके लिए पूर्व राज्यमंत्री सुशील कटारा, एबीवीपी जिला संयोजक हर्षित ननोम सहित कई कार्यकर्ता मौजूद रहे।
जर्जर कमरों को गिराकर जल्द ही 22 करोड की लागत से नए कक्षा-कक्ष बनाने की बात कही। कमरों की कमी, स्टॉफ की कमी और डेपूटेशन को लेकर एबीवीपी की ओर से जल्द ही बडा आंदोलन शुरू करने की बात कही।