गदंगी, अव्यवस्था, मारपीट, फर्जी हाजरी, कीडे लगे चावल और बदहाल भवन मिल
डूंगरपुर।शहर में जिला मुख्यालय पर मिशनरी स्कूल सेंट पॉल में आज जिला प्रशासन की ओर से अचानक निरीक्षण में चौकाने वाली अनियमितता मिली। निरीक्षण के लिए शिक्षा, चिकित्सा, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता, टीएडी, चाइल्ड लाइन और पुलिस की टीम पहुंची। जहां पर गंदगी, अव्यवस्था, बीमार बच्चे, कीडे लगा हुआ चावल, वार्डन की ओर से मारपीट जैसी शिकायते मिली। जिस पर स्कूल संचालक सेंट पॉल के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की गई।
डूंगरपुर जिला मुख्यालय पर शहर में संचालित सेंट पोल स्कूल व हॉस्टल में ढेरों अनियमितताओं की शिकायत पर जिला प्रशासन की संयुक्त टीमों ने छापेमार कारवाई की। इस दरम्यान बड़े पैमाने पर अनियमितताओं और मासूम बच्चों के साथ मारपीट का मामला सामने आया। मुख्य जिलाशिक्षा अधिकारी रणछोड़लाल डामोर के नेतृत्व में अलग-अलग टीमों ने दबिश दी।
जहां पर छोटे-छोटे कमरों में 30 बच्चों को ठूस-ठूस कर रखा जा रहा था। जहां पर बिजली के खुल्ले तार और गंदे बाथरूम से बच्चे परेशान थे। पीने के पानी की टंकी में फंगस जमा हुआ था। मौके से चिकित्सा विभाग की टीम को 6 बच्चे और 2 लडकियां गंभीर बीमार मिले। उन्हें तत्काल एम्बुलेंस बुलाकर जिला अस्पताल में भर्ती करवाया गया। साथ ही हॉस्टल और स्कूल के रिकॉर्ड में गंभीर अनियमिताएं भी मिली। बच्चों ने दबी आवाज में हॉस्टल की छत पर रखी लकड़ियों से पिटाई की बात कही।
उन्होंने शरीर पर लगे चोटों के निशान भी दिखाए। फुड सेम्पलिंग टीम को भोजन सामग्री में कीड़े और मरा हुआ चूहा तक मिला। इधर चाइल्ड लाइन की टीम ने पीड़ित बच्चों के बयान लेकर सीडब्ल्यूसी के समक्ष पेश किया। टीएडी और सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग ने जांच में पाया कि 230 बच्चे हॉस्टल के लिए पंजीकृत है। जिसमें हॉस्टल में 152 लडके और 112 लडकियां थी। सभी बच्चे आदिवासी समाज के थे।
इन हॉस्टल और स्कूल भवन में ईसु मसिही के फोटो, मंदिर भी मिले। सभी आदिवासी बच्चे बांसवाडा, प्रतापगढ, उदयपुर और सलुम्बर जिले के थे। उनके अभिभावक की बगैर सहमति पत्र से उन्हें रखा जा रहा था। जहां पर पिछले एक माह के दरम्यान चिकित्सा विभाग की टीम को 16 बच्चों के गंभीर बीमार मिले थे। इसी सूचना के आधार पर प्रशासन ने जांच कमेटी को भेजा। हॉस्टल में लडकियों को खुल्ले में नहाने की व्यवस्था थी। वही लडकों के लिए बाथरुम और शौचालय में बदबू आने से बच्चे लगातार बीमार चल रहे थे। देर शाम तक टीमों ने कार्रवाई कर रही है।