दिल्ली/प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और मौजूदा मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की मुलाकात ने प्रदेश की राजनीति में हलचल तेज कर दी है।
यह बैठक उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद हुई, जिससे इसे उपराष्ट्रपति पद की रेस और भाजपा की अंदरूनी रणनीति से जोड़ा जा रहा है।
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि धनखड़ के इस्तीफे के बाद भाजपा के सामने जाट समुदाय को साधने की चुनौती है। वसुंधरा राजे को जाट समाज में मजबूत पकड़ रखने वाली नेता माना जाता है। पार्टी चाहती है कि उपराष्ट्रपति की रेस में उनका भी मत शामिल हो।
इसी बीच, ओम माथुर का नाम भी उपराष्ट्रपति पद के लिए चर्चा में है, जिनसे वसुंधरा की पुरानी अदावत किसी से छुपी नहीं है। ऐसे में भाजपा वसुंधरा को साधने की कोशिश में है। वहीं, वसुंधरा समर्थकों को उम्मीद है कि कैबिनेट विस्तार और संगठनात्मक नियुक्तियों में उनके गुट को तरजीह मिलेगी।
भजनलाल शर्मा ने अपने दिल्ली दौरे में कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान, ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल खट्टर और जलशक्ति मंत्री सीआर पाटिल से मुलाकात कर राज्य के विकास कार्यों की समीक्षा की।
राजनीतिक हलकों में यह मुलाकातें भाजपा की आगामी रणनीति और संगठनात्मक समीकरण को लेकर अहम मानी जा रही हैं।