Vrikshasana Benefits : वृक्षासन, जिसे अंग्रेजी में “ट्री पोज” (Tree Pose) कहा जाता है, योग का एक महत्वपूर्ण आसन है। यह आसन स्थिरता, संतुलन और एकाग्रता को बढ़ाने में मदद करता है। संस्कृत में ‘वृक्ष’ का अर्थ पेड़ होता है और यह आसन करते समय शरीर का स्वरूप पेड़ जैसा लगता है। हर साल 21 जून को विश्व योगा डे मनाया जाता है, जो योग की वैश्विक पहचान और इसके लाभों को दर्शाता है। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी योग के प्रति गहरा लगाव है और उनके यूट्यूब चैनल पर योग की एक पूरी सीरीज उपलब्ध है, जिसमें लगभग सभी योग आसनों के बारे में बताया गया है। उनमें से एक सबसे महत्वपूर्ण योग आसन वृक्षासन है।
वृक्षासन के लाभ :
- संतुलन और स्थिरता: यह आसन शरीर के संतुलन को सुधारता है और स्थिरता बढ़ाता है।
- पैरों की मजबूती: वृक्षासन से पैरों की मांसपेशियों को मजबूती मिलती है, खासकर जांघों, पिंडलियों और टखनों को।
- मन की शांति: यह आसन मानसिक शांति और एकाग्रता को बढ़ाता है, जिससे तनाव और चिंता कम होती है।
- रीढ़ की हड्डी की मजबूती: वृक्षासन रीढ़ की हड्डी को सीधा और मजबूत रखता है।
- हिप्स की लचीलापन: यह आसन हिप्स को लचीला बनाता है और हिप्स के जोड़ों को खोलता है।
- मांसपेशियों का संतुलन: यह शरीर के मांसपेशियों के संतुलन को सुधारता है और पूरे शरीर में संतुलित ऊर्जा का प्रवाह बनाए रखता है।
वृक्षासन करने की विधि :
- वृक्षासन करने की विधि सरल है, लेकिन इसके लिए ध्यान और संतुलन की जरूरत होती है:
- सीधे खड़े हों और अपने पैरों को एक साथ जोड़ें।
- अपनी आर्म्स को अपने शरीर के बगल में रखें।
- अपना वजन अपने बाएं पैर पर ट्रांसफर करें और अपने दाएं पैर को उठाएं।
- अपने दाएं पैर को उठाकर अपने बाएं जांघ पर रखें।
- संतुलन बनाए रखें और अपने हाथों को प्रार्थना मुद्रा में जोड़ें।
- गहरी सांस लें और अपनी आंखों को एक स्थिर बिंदु पर केंद्रित करें।
- इस स्थिति में 20-30 सेकंड तक रहें और फिर धीरे-धीरे अपने हाथों को नीचे लाएं और अपने दाएं पैर को वापस जमीन पर रखें।
- यही प्रक्रिया अपने बाएं पैर को उठाकर दाएं पैर पर संतुलन बनाते हुए दोहराएं।
वृक्षासन न केवल शारीरिक लाभ प्रदान करता है, बल्कि मानसिक शांति और आत्मविश्वास भी बढ़ाता है। इसे अपने दैनिक योग अभ्यास में शामिल करें और इसके अद्भुत लाभों का अनुभव करें।