Sagwara News : फर्जी कंपनी के नाम पर धोखाधडी करने वाली कंपनी के निदेशक व शाखा प्रबंधक गिरफ्तार

एफडी व आरडी में लोगो से कराया करोडो का निवेश 

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सागवाड़ा। पुलिस द्वारा फर्जी कंपनी खोल कर एफडी व आरडी के नाम पर लोगो से करोडो का निवेश करा कर धोखाधडी करने वाली कंपनी के निदेशक व शाखा प्रबंधक को गिरफ्तार किया।

थानाधिकारी हिमांशु सिंह राजावत ने बताया कि प्रार्थी अमृतलाल पिता शंकर लाल परमार निवासी पादरा ने एली ग्लोबल नाम की कंपनी के निदेशको व प्रबंधक के खिलाफ एजेंट बना कर लोगो के आरडी व एफडी के नाम पर करोडो रूपयो का निवेश करवा कर समायावधि पूर्ण होने पर मेच्युरिटी की राशि नही लौटा कर ऑफीस बंद कर के फरार हो जाने की रिपोर्ट दी थी जिस पर थानाधिकारी हिमांशु सिंह राजावत के नेतृत्व में एएसआई हरि सिंह, हैड कांस्टेबल सुरेश कुमार, धर्मेन्द्र सिंह, भुपेन्द्र सिंह, महिला कांस्टेबल हंसा व हेमेन्द्र सिंह कांस्टेबल साईबर सेल डूंगरपुर की टीम ने तकनिकी आधार पर अनुसंधान पूर्ण कर उपरोक्त वर्णित एली ग्लोबल कंपनी के निदेशक उमेश पंजाबी पिता बाल कृष्ण पंजाबी निवासी पुजन बेंग्लोज, मनजीपुरा नडियाद गुजरात एवं सागवाडा ब्रांच के मेनेजर मुकेश पिता विजय लाल खराड़ी निवासी माण्डव को गिरफ्तार किया।

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ठगी का तरीका 

उदयपुर निवासी शिशिर दरोलिया, नडियाद गुजरात निवासी उमेश पंजाबी व लखनउ उत्तर प्रदेश निवासी संजय भट्टाचार्य तीनो ने मिल कर अहमदाबाद गुजरात मे एली ग्लोबल नाम की एक कंपनी खोली जिसमे चार्मी मोदी निवासी अहमदाबाद को एकाउंट संबंधि देखभाल के लिये भागीदार बना दिया। फिर इन सभी ने अपनी कंपनी में अलग अलग एफडी व आरडी की 3 व 5 साल के निवेश की स्कीम बना कर अपनी कंपनी को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया से अनुबंधित होना बता कर पेम्पलेट छपवा कर बांटे। फिर अपनी कंपनी के एजेंट बनाने शुरू किये जो अलग अलग जगह जाकर कंपनी के सदस्य जोडते थे और उनसे एफडी व आरडी के लिए निवेश करवाते थे और उसके बदले यह लोग एजेंटो को कमिशन देते थे।

फिर धीरे धीरे इनके ग्राहक बढ़ने पर इन्होने गुजरात, राजस्थान, उत्त प्रदेश, बिहार राज्य के विभिन्न जगहो पर अपनी एली ग्लोबल कंपनी की ब्रांच खोल ली जहा पर अपने मिलने वाले एक एक मेनेजर रख दिये जो वहा का पुरा हिसाब लेकर निदेशको को देते थे, बदले में उनको कमिशन मिलता था। जहा जहा पर ब्रांच खोलने के बाद 3 साल पुरे होते व लोगो को एफडी व आरडी की म्याद पुरी होने पर मेच्युरिटी की राशि ग्राहको को लौटाने का समय आता था तो ब्रांच बंद कर देते थे। इस प्रकार इन लोगो ने प्रत्येक ब्रांच में करीब 3से 4 करोड की राशि का लोगो से इनवेस्ट करवा कर लोगों की खुन पसीने की कमाई को धोखाधडी कर के प्राप्त कर लिया।

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