बच्चों को भगवान और उनके माता-पिता को मंदिर समान मानकर कार्य किया : गुप्ता, के.के गुप्ता ने भीलूड़ा का किया दौरा

डूंगरपुर/सागवाड़ा। स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण भारत सरकार के तहत राष्ट्रीय योजना स्वीकृति समिति के सदस्य तथा स्वच्छता पूर्व ब्रांड एंबेसडर राजस्थान सरकार श्री के के गुप्ता शुक्रवार को सागवाड़ा ब्लॉक के महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम राजकीय विद्यालय भीलूड़ा के दौरे पर रहे। श्री गुप्ता द्वारा ग्राम पंचायत को गोद भी लिया गया है तथा स्वच्छ भारत मिशन के तहत श्री गुप्ता के निर्देशन में यहां कार्य किए जा रहे हैं।

भीलूडा में स्वर्गीय हरि शंकर भट्ट की स्मृति में स्वच्छता विषयक भाषण प्रतियोगिता आयोजित हुई। कार्यक्रम की अध्यक्षता श्री केके गुप्ता ने की वहीं विशिष्ट अतिथि श्री लक्ष्मण पंचाल, श्री प्रवीण सरपंच, श्री नरेश भट्ट तथा कुंता देवी रहे। कार्यक्रम में प्रथम तीन वरीयता प्राप्त विद्यार्थियों को श्री गुप्ता द्वारा पारितोषिक देकर उत्साहवर्धन किया गया इसके साथ ही अन्य 7 प्रतिभागियों को भी सांत्वना पुरस्कार प्रदान किया गया। उन्होंने विद्यालय की एक ज्वलंत समस्या परकोटा निर्माण और शौचालय के संबंध में यह घोषणा की कि ग्राम पंचायत द्वारा जैसे ही विस्तृत कार्य योजना रिपोर्ट प्रस्तुत की जाएगी तुरंत ही जिला प्रशासन द्वारा बजट मंजूर कराकर उक्त समस्या का निस्तारण किया जाएगा। 

इस अवसर पर विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए श्री गुप्ता ने कहा कि डूंगरपुर नगर परिषद द्वारा स्वच्छता मिशन का कार्य हाथ में लिया गया तो सबसे पहले वहां के बच्चों की मन की स्थिति जानी गई और स्कूली बच्चों को स्वच्छता का महत्व पता पड़े इसके लिए उनके बीच स्वच्छता प्रतियोगिताएं आयोजित की गई। नगर के 73 विद्यालयों मे पढऩे वाले बच्चों के माध्यम से सफलता प्राप्त की गई। हमारे शहर में पढऩे वाले 22,373 बच्चो ने स्वच्छता सैनिक बनकर शहर ही नहीं शहर के आसपास के क्षेत्रों को भी स्वच्छ बनाने में अपनी अहम भूमिका निभाई। 

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उन्होंने कहा कि नगर परिषद भी बच्चों की हर आवश्यकता को पूरी करने तथा स्वच्छता से बच्चों को जोडऩे में कहीं पीछे नहीं रही। शहर के 73 विद्यालयों में नियमित रूप से टॉयलेट्स की धुलाई करना, विद्यालयों के प्रांगण में को पक्का करना, रंग रोगन करना तथा जहां विद्यालय में टॉयलेट नहीं थे मैं टॉयलेट का निर्माण किया। विद्यालय में 365 दिन नगर परिषद द्वारा टॉयलेटओं की सफाई की जाती थी तथा शहर में 365 दिन घर-घर कचरा उठाया जाता है। आधुनिक टॉयलेट बनाना तथा सार्वजनिक टॉयलेट बनाकर उनमें एयर कंडीशन तक लगा कर लोगों को एक संदेश देने का प्रयास किया और उस प्रयास में नगर परिषद सफल रही जो संदेश बच्चों के माध्यम से घरों तक पहुंचाएंगे। डूंगरपुर नगर के स्कूली बच्चों ने उन संदेशों को बखूबी घर में अपने माता-पिता भाई-बहन पड़ोसी पड़ोसी को दिए जिसे देखते ही देखते शहर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना सका यह कारवां निरंतर चलता रहा हर व्यक्ति से जुड़ता गया नगर परिषद ने भी नियमित रूप से हर घर से कचरा उठाना तथा समयबद्धता का विशेष ध्यान रखते हुए अपनी सेवाएं दी। जिससे आज डूंगरपुर स्वच्छता के नाम से जाने जाने लगा।

उन्होंने कहा कि भारत सरकार के स्वच्छता मिशन में देश के 131 करोड लोगों की अहम भूमिका है। स्वच्छता आजादी से भी बड़ी लड़ाई है। आज हम देख रहे हैं कि हमार देश की 60 प्रतिशत जनसंख्या खुले में शौच करने जाती थी खुले में शौच के लिए एक महत्वपूर्ण बदलाव आया है। देश मे 10 करोड़ 80 लाख शौचालय भारत सरकार तथा राज्य सरकार के बजट से निर्माण करा कर खुले में शौच जाने को बंद करवाया जिससे पूरा देश खुले में शौच मुक्त देश बना। जब कोरोना पूरे देश में छाया हुआ था आमजन भयभीत था लॉकडाउन लगा हुआ था अगर हम सोचे हैं ऐसे में जिस घर में अगर शौचालय नहीं होता उन घरों में माताओं बहनों की क्या हालत होती है? यह देश के लिए एक सुखद निर्णय था


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