डूंगरपुर। जिले के आसपुर ब्लॉक के ग्राम पंचायत सकानी के राजस्व गांव वाड़ाघोड़िया से बड़ी संख्या में ग्रामीण शुक्रवार को कलेक्ट्रेट पहुंचे जहां वाड़ाघोड़िया गांव में स्थित चरनोट (चारागाह) भूमि पर गांव के ही प्रभावशाली लोगों द्वारा किए गए अतिक्रमण को रोकने की मांग को लेकर जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। शुक्रवार को बड़ी संख्या में ग्रामीण जिला मुख्यालय स्थित कलेक्ट्रेट गेट पर पहुंचे तथा जमकर नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया एवं चारागाह भूमि पर अतिक्रमण करने वाले अतिक्रमणकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा।
ज्ञापन में बताया कि वाड़ाघोड़िया गांव में चारागाह भूमि स्थित है जिसमें पूरे गांव के लोगों के मवेशी चारागाह के रूप में उक्त भूमि का उपयोग करते हैं। उक्त भूमि पर गांव के ही कुछ प्रभावशाली व्यक्तियों द्वारा अवैध रूप से अतिक्रमण कर दिया है। ग्रामीणों ने बताया कि उक्त भूमि पर 10 वर्ष पूर्व जिला कलेक्टर द्वारा वृक्षारोपण किया गया था उन वृक्षों को भी अतिक्रिमियों द्वारा रातों-रात काट दिया एवं उक्त भूमि को समतल कर अतिक्रमण कर दिया है जिससे चारागाह भूमि का अस्तित्व खो गया है।
ग्रामीणों ने कहा कि पूर्व में भी अतिक्रमण हुआ था जिस पर समस्त ग्रामवासियों ने ग्राम पंचायत के सरपंच, तहसीलदार एवं उपखंड अधिकारी को लिखित में ज्ञापन दिया था। उस समय ग्राम पंचायत एवं ग्रामवासियों ने आपसी समझौता कर उक्त भूमि को अतिक्रमण मुक्त करा दिया था तब से आज दिनांक तक कभी भी अतिक्रमण नहीं हुआ है लेकिन एक बार पुनः कुछ प्रभावशाली व्यक्तियों द्वारा उक्त भूमि का समतलीकरण करवाकर अतिक्रमण करने की कोशिश की जा रही है। अतिक्रमणकर्ता ग्रामीणों को जान से मारने की खुली धमकी दे रहे हैं।
ग्रामीणों ने कहा कि उक्त चरागाह भूमि से ही ग्रामीणों के लिए खेतों में जाने के मार्ग है जिसे भी बंद कर दिया गया है। क्षेत्र में आदिवासी आबादी ज्यादा होने से गाय, भैंस, बकरी, भेड़ें आदि मवेशीयों के चारागाह के लिए बड़ी समस्या खड़ी हो रही है। उक्त भूमि पर धामनखोता नया तालाब बना हुआ है जहां मनरेगा का सड़क का कार्य शुरू था जिसे भी उक्त प्रभावशाली व्यक्तियों ने बीच में ही काम को रुकवा दिया जो आज तक चालू नहीं हो पाया है। ग्रामीणों ने जिला कलेक्टर से मांग करी कि उक्त चारागाह भूमि पर हो रहे अतिक्रमण को हटवाया जाए तथा अतिक्रमण से मुक्त भूमि का सीमांकन कर चारागाह भूमि का बोर्ड लगाया जाए एवं अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाए जिससे भविष्य में भी कोई अतिक्रमण करने से पहले सौ बार सोचे।
ग्रामीणों ने कहा कि यदि उक्त भूमि अतिक्रमण से मुक्त नहीं हुई तो आने वाले समय में समस्त ग्रामीण आंदोलन करेंगे जिसकी समस्त जिम्मेदारी शासन प्रशासन की रहेगी। इस दौरान नारायणलाल, रूपसी, प्रकाश, शंकरलाल, जस्सू ,जया, माया, विराट, रूपजी, लक्ष्मण, रमेश, गौतम, रितु, मनोहर, विजयपाल, दिनेश, गणेश, सहित बड़ी संख्या में ग्रामीणजन मौजूद रहे।
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