सागवाडा। क्षेत्र की लाइफ लाइन कहीं जाने वाली मोरन नदी की सफ़ाई को लेकर खडगदा गांव में शुरू हुई रामकथा के अंतिम दिन रविवार सामाजिक समरसता के वाहक कमलेश भाई शास्त्री ने कहा कि मेरे लिये हरिद्वार और प्रयाग वागड़ ही है।
हम सब मिलकर वागड़ को देवभूमि बनायेंगे। वागड के लिये खुल कर काम करेंगे। जो समरसता के लिये काम करेगा उसके साथ दिया जायेगा। बिना भोजन के भजन संभव नहीं है। इस लिये कथा के दिनों में भोजन की व्यवस्था की गई। रामकथा सुनने से जीवन की व्यथा को मिटाया जा सकता हैं। वर्तमान समय में जाति पाति में हम जो लोग बटे हुए है जिस कारण समाज बट रहा है। कमलेश भाई ने कहा कि रामकथा से सामाजिक समरसता कायम करना ही व्यास पीठ का उद्देश्य है। जो सनातन के साथ हम उसका साथ देंगे।
जिसके जीवन में राम कथा आजायेगी उसके पाप मिटते जायेंगे। राम राज में राजा गुरु से सलाह लेते थे और अपनी तकलीफ़ बताते थे। जब तक मोरन गांगा की सफ़ाई नही हो जाती तब तक कार्य नही रूकेगा। खडगदा में भगवान राम का भव्य और दिव्य मंदिर बनाया जायेगा। जिसमें भगवान राम के वनवासी स्वरुप को स्थापित किया जायेगा। विकास और फैशन के नाम पर हम सनातन से दूर जा रहे हैं। जिनका नाम लेने से आराम और विश्राम मिलता है वो मेरे राम हैं।
जो सारे विश्व को जोड़ता है वो भरत है। सारे लक्षणों का धाम लक्षमण है। अंत में अधर्म को भी हे राम बोलना पड़ता है। कथा के समापन पर कार्यक्रम के मुख्य यजमान मणिलाल जोशी और हरिओम पंचाल, रामकथा आयोजन समिति के अध्यक्ष ईश्वरचन्द्र भट्ट, कोषाध्यक्ष विजय जोशी ने भी संबोधित किया। संचालन डॉ रमेश भट्ट, शशिकांत पुरोहित और परेश भट्ट ने किया।