– रामकथा के छठे दिन श्रद्धा, भक्ति और शिव आराधना का अनुपम संगम सावन के तीसरे
सागवाड़ा।धोलागढ़ धाम में आयोजित 45 दिवसीय दिव्य श्रावण महाकुंभ के छठे दिन की रामकथा भक्ति, भाव और अध्यात्म का अद्वितीय संगम बन गई। कथा वाचक कमलेश भाई शास्त्री की मधुर वाणी और श्रीरामचरितमानस की अमृतमयी व्याख्या ने श्रद्धालुओं को भावविभोर कर दिया। मानस की गूढ़ता और सरलता को सहजता से पिरोते हुए शास्त्री जी ने जन-जन के हृदय में भक्ति का संचार किया।
धोलागढ़ पर्वत पर स्थित प्राचीन शिव मंदिर में सावन के तीसरे सोमवार के पावन अवसर पर शिवभक्तों की लंबी कतारें सुबह से ही लग गईं। भोलेनाथ और गुरु गोरखनाथ धुनी के दर्शन को उमड़ा जनसैलाब हर-हर महादेव के जयघोष और डमरू की गूंज से शिवमय हो गया।
कार्यक्रम की विशेष गरिमा योगी प्रकाशनाथ जी महाराज की उपस्थिति से और भी बढ़ गई। उन्होंने अपने संबोधन में सेवा, साधना और सत्य के मार्ग पर चलने का संदेश देते हुए जीवन में अध्यात्म के महत्व को सहजता से समझाया। उनकी वाणी में जीवन का सार और मार्गदर्शन स्पष्ट झलक रहा था।
आज का दिन विशेष रूप से कांवड़ यात्रा के कारण भी स्मरणीय रहा। हरिद्वार से सलूम्बर के विभिन्न समाजों के 16 कांवड़ यात्री हर की पौड़ी से जल लेकर पहुंचे, वहीं राज भोई समाज सलूम्बर के 12 श्रद्धालु बेनेश्वर से गंगाजल की कांवड़ लेकर भोलेनाथ के दरबार में पहुँचे। उनकी श्रद्धा, निष्ठा और समर्पण ने सभी को अभिभूत कर दिया। योगी प्रकाशनाथ महाराज ने कांवड़ियों का भव्य स्वागत किया।