डूंगरपुर में 3 दिनों से रुक-रुक कर बारिश का दौर चल रहा है। जिले के छोटे बड़े बांध, तालाब छलकने लगे हैं। जिले के सबसे बड़े सोमकमला आंबा बांध के 4 गेट खोल दिए गए हैं। बांसवाड़ा के माही डेम के गेट खोलने के बाद बेणेश्वर धाम फिर से टापू बन गया है। जिले के 10 बांधों पर पानी की चादर चल रही है।
डूंगरपुर जिले में मंगलवार रात भर रुक-रुक कर हल्की और रिमझिम बरसात का दौर चलता रहा। बुधवार सुबह के समय आसमान में बादल छाए रहे और हल्की रिमझिम बारिश हुई।
वहीं बरसात के चलते जिले के सबसे बड़े सोमकमला आंबा बांध के मंगलवार शाम के समय 2 गेट खोले गए थे, लेकिन डेम में पानी की आवक बढ़ने की वजह से देर रात को 2 गेट और खोल दिए गए हैं। डेम के अभी गेट संख्या 1, 2, 12 और 13 को आधा आधा इंच खोला गया है। चारों गेट से 15 हजार 940 क्यूसेक पानी की निकासी हो रही है। डेम में सोम कागदर देवसोमनाथ और गोमती नदी से 10 हजार 138 क्यूसेक पानी की आवक चल रही है। जिले के मारगिया, अमरपुरा, वात्रक, आकरसोल का नाका, भादर सहित 10 डेम पर पानी की चादर चल रही है।
सोमकमला बांध के साथ ही बांसवाड़ा के माही डेम के भी 4 गेट खुले होने से प्रसिद्ध आस्था के केंद्र बेणेश्वर धाम टापू बन गया है। साबला, वालाई और बांसवाड़ा के तीनों पुलिया पर 3 से 5 फीट तक पानी बह रहा है। इससे धाम टापू बन गया है। बांध पर पुजारी सहित कुछ व्यापारी फंसे हुए हैं, हालाकि उनके खाने पीने और ठहरने के तमाम इंतजाम धाम पर हैं। वहीं पुलिस और प्रशासन की ओर से धाम पर आने जाने वाले लोगों को अलर्ट किया जा रहा है।
कहां कितनी बारिश
जिले में बुधवार सुबह 8 बजे तक सर्वाधिक बारिश आसपुर में 2 इंच (52 एमएम) रिकॉर्ड की गई है। डूंगरपुर में 4 एमएम, देवल में 6 एमएम, फलोज में 6 एमएम, कनबा में 10 एमएम, सागवाड़ा और ओबरी में 3 एमएम, गलियाकोट में 4 एमएम, चिखली में 8 एमएम, गणेशपुर में 33 एमएम, बनकोड़ा में 2 एमएम, साबला में 2 एमएम, निठाउवा में 15 एमएम, गामड़ी अहाडा में 8 एमएम बारिश रिकॉर्ड की गई है।