डूंगरपुर/ जिले के दोवडा पुलिस थाने में चोरी के आरोपी की हिरासत में अचानक तबियत बिगडने के बाद उदयपुर चिकित्सालय में ईलाज के दरम्यान मौत होने से चल रहे जिला मुख्यालय पर कलेक्ट्री के बाहर धरने में देर शाम को समझौते के साथ समाप्त हुआ।
जिसमें मृतक के परिवार के पिता को टीएडी के रघुनाथपुरा हॉस्टल में गार्ड की नौकरी, छोटे भाई गोविंद के बालिग होने पर मां-बाडी में संविदा नियुक्ति और 27 लाख 50 हजार का मुआवजा तय हुआ। इसके बाद कलेक्ट्री के बाहर चल रहा धरना भी समाप्त हो गया। वही पोस्टमार्टम के बाद शव के अंतिम क्रिया पर सहमति बनी।
जिसमें जिले के प्रशासनिक अधिकारियों और प्रदर्शनकारी के बीच समझौता हुआ। इस मामले में दोवडा थाने से सीआई सहित पांच पुलिसकर्मी को पहले ही निलंबित कर दिया। डूंगरपुर जिले के दोवडा थाने में चोरी के आरोपी दिलिप अहारी की हिरासत में अचानक तबियत खराब होने के बाद उदयपुर में ईलाज के दरम्यान मौत के मामले में कलेक्ट्री के बाहर धरना आज शाम को मुआवजा राशि में समझौते के बाद समाप्त हो गया।
मृतक के परिजन के साथ बीएपी विधायक उमेश डामोर के नेतृत्व में आदिवासी नेताओं के साथ प्रशासनिक अधिकारियों और बीजेपी नेताओ की बैठक हुई। जिसमें मुआवजा राशि 27 लाख 50 हजार देने, मृतक के पिता जीवराम अहारी को रघुनाथपुरा गांव के टीएडी हॉस्टल में चौकीदार की नौकरी दी जाएगी। वही उसके छोटे भाई गोविंद के बालिग होने पर योग्यता के अनुसार मां-बाडी केंद्र में नियुक्ति दी जाएगी।
इस मामले में पुलिस अधीक्षक मनीष कुमार ने दोवडा थाने के सीआई तेजकरणसिंह चारण, चोरी प्रकरण के जांच अधिकारी हेडकांस्टेबल सुरेश भगोरा, कांस्टेबल वल्लभराम पाटीदार, पुष्पेंद्रसिंह, माधवसिंह को निंलबित कर रिजर्व पुलिस लाइन में लगा दिया था। उनके खिलाफ पुलिस ने एफआईआर दर्ज की गई है। वही मृतक के शव के पोस्टमार्टम कराकर परिजन को सुपुर्द किया जाएगा। समझौता वार्ता में टीएडी मंत्री बाबुलाल कटारा, जिला कलेक्टर अंकित कुमार सिंह, एसपी मनीषकुमार, उदयपुर सांसद मन्नालाल रावत, आदिवासी समाज और बीएपी के आसपुर विधायक उमेश मीणा सक्रिय भूमिका रही।

