Aspur News : सरकार ग्राम पंचायतों के विकास के लिए फंड जारी कर सुविधाएं देने का प्रयास कर रही है, लेकिन स्थानीय अधिकारियों और सरपंचों की लापरवाही के चलते इन योजनाओं का लाभ धरातल पर नहीं दिख रहा है। ऐसा ही एक मामला आसपुर पंचायत समिति के ग्राम पंचायत भेवड़ी में सामने आया है।
गुरुवार को भेवड़ी गांव की जीव पत्नी थावरा मीणा का निधन हो गया। अंतिम संस्कार के लिए परिजन और ग्रामीण शव को लेकर डामरीया घाटी स्थित श्मशान घाट पहुंचे। लेकिन मंदिर के पास से गुजरने वाले मुख्य रास्ते पर बबूल के झाड़ और कीचड़ की वजह से परिजनों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। शव को ले जाते समय कई बार लोग गिरते-गिरते बचे।
ग्रामीणों ने बताया कि इस मार्ग पर पूर्व में ग्रेवल सड़क के नाम पर लाखों रुपये खर्च किए गए, लेकिन स्थिति जस की तस बनी हुई है। श्मशान घाट जाने वाले इस रास्ते पर कीचड़ और बबूल को लेकर कई बार ग्राम पंचायत को शिकायत दी गई, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
ग्रामीणों ने जल्द से जल्द श्मशान घाट जाने वाले रास्ते की मरम्मत और कीचड़ तथा बबूल को हटाने की मांग की है। उनका कहना है कि बारिश के दिनों में यह समस्या और भी गंभीर हो जाती है।
ग्राम पंचायत भेवड़ी के सरपंच गंगाराम भगोरा ने कहा कि श्मशान घाट पर उगे बबूल को दो दिन में कटवा दिया जाएगा। इस मार्ग के लिए ग्रेवल सड़क स्वीकृत करवाई जा चुकी है और जल्द ही काम शुरू करवाया जाएगा।
सरपंच के आश्वासन के बावजूद ग्रामीणों में इस बात को लेकर रोष है कि श्मशान घाट जैसे जरूरी स्थान की अनदेखी क्यों की जा रही है। उनका कहना है कि अगर जल्द सुधार नहीं हुआ, तो वे उच्च अधिकारियों से इस मामले की शिकायत करेंगे।