बांसवाड़ा के बागीदौरा से भारत आदिवासी पार्टी (BAP) के विधायक जयकृष्ण पटेल के रिश्वत मामले में BAP सांसद राजकुमार रोत ने गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि पार्टी की आंतरिक जांच में यह सामने आया कि विधायक को षड्यंत्रपूर्वक फंसाया गया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि इस साजिश में सत्तारूढ़ दल का एक पूर्व प्रत्याशी शामिल है।
सांसद राजकुमार रोत शुक्रवार को उदयपुर में भील प्रदेश मुक्ति मोर्चा के बैनर तले यूडीए विस्तार के खिलाफ प्रदर्शन में शामिल हुए। उन्होंने कहा कि विधायक जयकृष्ण पटेल को जानबूझकर निशाना बनाया गया, जबकि सामने वाले व्यक्ति ने 40 से ज्यादा बार कॉल कर रिश्वत की योजना बनाई थी। रोत ने कहा कि जनता ने इस षड्यंत्र का जवाब पंचायतीराज उपचुनाव में भाजपा को हराकर दे दिया है।
उन्होंने कहा कि राजस्थान में अब तक हजारों विधायक बने, लेकिन पहली बार किसी विधायक को इस तरह ट्रैप किया गया है। उन्होंने सवाल उठाया कि किसी क्षेत्रीय पार्टी के विधायक को डर कर कोई रिश्वत क्यों देगा? यह सब एक साजिश का हिस्सा है।
SI भर्ती घोटाले पर CM से जवाब मांगा
एसआई भर्ती परीक्षा पर टिप्पणी करते हुए रोत ने कहा कि गरीब परिवारों के युवाओं ने दिन-रात मेहनत की, लेकिन उनके साथ अन्याय हुआ। उन्होंने मुख्यमंत्री से प्रेस कॉन्फ्रेंस कर स्पष्ट रुख रखने की मांग की। साथ ही आरोप लगाया कि पिछली सरकार को कोसने वाली वर्तमान सरकार अब खुद जवाब देने से बच रही है।
उदयपुर सांसद मन्नालाल रावत पर निशाना
रोत ने उदयपुर सांसद मन्नालाल रावत पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि वे न तो आदिवासी हैं और न ही उनमें मानवता है। उन्होंने पुराने वायरल ऑडियो का हवाला दिया जिसमें कथित रूप से आदिवासियों के घर जलाने की बात कही गई थी। रोत ने कहा कि आदिवासी व दलित विरोधी कार्यों के कारण रावत क्षेत्र के हित में नहीं हैं।
यूडीए विस्तार को बताया असंवैधानिक
सांसद रोत ने यूडीए विस्तार को असंवैधानिक बताते हुए कहा कि शेड्यूल एरिया में नगर निगम या नगर पालिका जैसे निकाय अनुच्छेद 243C के तहत मान्य नहीं हैं। उन्होंने कहा कि 70 गांवों को यूडीए में शामिल करना आदिवासी अधिकारों का उल्लंघन है। आदिवासियों की भूमि पर विकास के नाम पर कब्जा किया जा रहा है और जल, जंगल, जमीन उनसे छीने जा रहे हैं।
उन्होंने मांग की कि आदिवासियों को उनके पारंपरिक भूमि अधिकार लौटाए जाएं और यूडीए विस्तार पर पुनर्विचार हो।