डूंगरपुर/विधानसभा चुनावों में 3 सीट जितने वाली भारत आदिवासी पार्टी प्रदेश में तीसरी सबसे बड़े पार्टी के रूप में उभरी है। बीएपी अब लोकसभा चुनावों में भी डूंगरपुर-बांसवाड़ा के साथ ही उदयपुर और कई सीटों पर प्रत्याशी उतारने की तैयारी में है। वहीं, पार्टी के प्रमुख विधायक ने साफ कर दिया है बीएपी कांग्रेस के साथ गठबंधन नहीं करेगी और स्वतंत्र होकर ही चुनाव लडे़ंगे और जीतेंगे।
भारत आदिवासी पार्टी (बीएपी) के चौरासी से विधायक राजकुमार रोत ने पार्टी के कांग्रेस या इंडिया गठबंधन की चर्चाओं को खारिज कर दिया। राजकुमार ने कहा कि इंडिया गठबंधन खुद ही लड़खड़ा रहा है। उनके नेताओं में ही अभी तक सामंजस्य नहीं है। प्रदेश में भी कांग्रेस और उनके सहयोगी दलों में स्थित साफ नहीं हुई है। ऐसे में कांग्रेस के साथ किसी भी तरह का गठबंधन करने की कोई योजना नहीं है।
कांग्रेस के साथ गठबंधन की बात होती तो ये विधानसभा चुनावों में ही हो जाता, लेकिन न तो कांग्रेस की तरफ से कोई प्रस्ताव आया है और न ही हमारा कोई इरादा है। हमारी पार्टी स्वतंत्र रूप से लोकसभा चुनाव लड़ेगी। विधानसभा चुनावों में क्षेत्र की जनता ने हमारे 3 विधायक चुनकर दिए हैं। अभी हमारी पार्टी प्रदेश की तीसरी बड़ी पार्टी है। लोकसभा चुनावों में भी हम डूंगरपुर -बांसवाड़ा और उदयपुर की सीट जितने में कामयाब होंगे।
बीएपी ने 3 सीट जीतकर चौकाया था
बीटीपी से टूटकर अलग होने के बाद बीएपी ने पहली बार विधानसभा चुनावों में 3 सीटों पर जीत हासिल की। डूंगरपुर जिले की चौरासी सीट से 1 लाख 11 हजार से ज्यादा वोट से राजकुमार रोत ने जीत हासिल की, जबकि आसपुर विधानसभा सीट पर उमेश डामोर जीते। यह पहले भाजपा का कब्जा था। प्रतापगढ़ जिले के धरियावाद सीट पर भी बीएपी का विधायक भी जीतकर आए हैं। ऐसे में इस बार का लोकसभा चुनाव भाजपा ओर कांग्रेस के लिए सबसे बड़ी चुनौती रहेगी। बीएपी दोनों ही पार्टियों के सामने बड़ी मुश्किलें पैदा कर सकती है।