बीटीपी और बीएपी पर साधा निशाना, कहा- आदिवासी के नाम पर सिर्फ लिए वोट
डूंगरपुर। भाजपा के पूर्व प्रदेश महामंत्री और पूर्व राज्यमंत्री सुशील कटारा ने बीटीपी के बाद मैदान में आई बीएपी पर जमकर निशाना साधा। 2013 में भाजपा ने डूंगरपुर जिले की चारों सीट जीती थी। उसी तरह इस बार फिर से चारों सीटों पर भाजपा का कब्जा होगा।
उन्होंने कहा आदिवासी जागरण के नाम पर उनकी राजनीति शुरू होती है। समाज को जागरूक करने के नाम पर आए। गुजरात से बीटीपी पार्टी लाए। आदिवासी चयन प्रणाली से एक उम्मीदवार को एक बार चुनाव लड़ने का नियम उन्होंने ही बनाया। फिर से चुनाव आए। इस बार फिर से चुनाव लड़ने के लिए लालच आया और अब दूसरी पार्टी बीएपी बनाई। 5 साल विधायक रहे। पिछले चुनावों में कहा आदिवासी के अलावा की पूरी जमीन आदिवासियों को दिला देंगे। 5वीं पास को नौकरी देंगे। एक भी काम नहीं किया। कांग्रेस को समर्थन देकर लाखों, करोड़ों कमाए और उससे अपने घर बनाने, नई गाड़ी लाने ओर प्रॉपर्टी के काम किए।
देश में पहली बार आदिवासी समाज की महिला द्रौपदी मुर्मू राष्ट्रपति पद के लिए खड़ी हुई। तब ये आदिवासी के नेता आदिवासी महिला को वोट देने तक नहीं गए और आदिवासी समाज के विकास की बात करते हैं। ये आदिवासी समाज का नहीं खुद का विकास कर रहे हैं। ये लोग गिरगिट से भी ज्यादा रंग बदल रहे हैं। सुशील कटारा ने कहा की इस बार आदिवासी समाज का युवा उनकी चल समझ गया है। 2013 में भाजपा ने डूंगरपुर जिले की चारों सीटे जीती थी। उसी तरह इस बार फिर से चारों सीटों पर भाजपा का कब्जा होगा। भाजपा जिलाध्यक्ष प्रभु पंड्या ने कहा की प्रदेश में कांग्रेस की सरकार जाने वाली है। भाजपा की नई सरकार बनेगी। राजस्थान में बदलाव के लिए भाजपा की 4 परिवर्तन यात्रा का समापन 25 सितंबर को जयपुर में होगा। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी महासम्मेलन को संबोधित करेंगे। महासम्मेलन में डूंगरपुर जिले के प्रत्येक शक्ति केंद्र, बूथ, विधानसभा से मिलाकर 10 हजार कार्यकर्ता जाएंगे।