सागवाड़ा। गुजरात के प्रसिद्ध शक्तिपीठ अंबाजी धाम के लिए पदयात्रियों की रवानगी शुरू हो गई है। डूंगरपुर जिले ही नहीं बांसवाड़ा जिले के अंबाजी पदयात्री भी शहर से गुजर रहे है। अगले दस दिनों तक पदयात्रा चलेगी, जिसमें जिले से हजारों की संख्या में बच्चे-बूढ़े, महिलाएं इस पदयात्रा में जाएंगे। इसके लिए पदयात्रा मंडलों ने तैयारियां कर ली है।
जिले के हर गांव से अंबाजी पदयात्रियों के जत्थे रवाना होंगे। कई पदयात्री अभी से अंबाजी के लिए निकल गए है। शहर से 214 किमी लंबी इस पदयात्रा को पूरा करने में 4 से 5 दिन का समय लगेगा। पदयात्रा मंडल अपने साथ अंबाजी की मूर्ति का सुसज्जित रख रहेगा। वहीं पदयात्रियों के सामान और खाने-पीने की वस्तुओं से भरा एक वाहन साथ में रहेगा। जहां भी पदयात्री रात के समय रुकेंगे। वहां पर पदयात्री भोजन बनाएंगे और फिर खाएंगे। अंबाजी पदयात्रियों के आराम के लिए कई जगह निजी संगठनों की ओर से विश्राम लगने शुरू हो गए है।
इधर,प्रशासन और पुलिस की ओर से कोई इंतजाम नहीं :
अंबाजी शक्तिपीठ के दर्शनों के लिए जिले से हजारों की संख्या में पदयात्रियों के जत्थे शहर और गांवों की सड़कों से गुजरते है। लेकिन स्थानीय पुलिस और प्रशासन की ओर से उनके रहने, खाने-पीने या सुरक्षा को लेकर कोई इंतजाम नहीं देखा जा रहा है। जबकि अंबाजी पदयात्रियों के जत्थे रात के समय भी सड़क के रास्ते से गुजरते समय किसी भी हादसे का डर रहता है। ऐसे में पदयात्रियों की सुरक्षा के इंतजाम जरूरी है। वहीं कई पदयात्री रास्ते में बीमार हो जाते है, ऐसे में उन पदयात्रियों के लिए मेडिकल कैंप भी होना चाहिए।
डूंगरपुर से जाने वाले अंबाजी पदयात्रियों को 210 किमी में से करीब 25 किमी का रास्ता नेशनल हाइवे की घाटियों से होकर गुजरना पड़ता है इस हाइवे पर पदयात्रियों की सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं है। पदयात्री अपनी सुविधा के अनुसार ही सड़क से गुजरते है। ऐसे में हादसे का डर हमेशा रहता है। पदयात्रियों के अलावा कई लोग साइकिल और मोटरसाइकिलों से भी अंबाजी के लिए जाएंगे। अंबाजी धाम जाकर वहां देव दर्शन कर क्षेत्र की खुशहाली की कामना की जाएगी। आसपुर और सागवाड़ा रोड से अंबाजी पदयात्री शहर से होकर गुजर रहे है।