सागवाडा नगर पालिका में अधिकारियों और ठेकेदार की मिलीभगत से घटिया निर्माण की खुली पोल
आसपुर बाईपास से निजी अस्पताल सीसी सडक पर जगह-जगह गड्डे, सड़क से निकलने लगी क्रकीट
सागवाडा। सरकार भले ही भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए जागरुकता के लाख प्रयास करे लेकिन सिस्टम में बैठे अधिकारी और ठेकेदार इस मिलभगत को खत्म नही होने दे रहे है। इसका ताजा उदाहरण सागवाडा नगर पालिका के अंर्तगत क़रीब सात लाख की लागत से बनी 200 मीटर सड़क है। इस सड़क के निर्माण में एक साल पूर्ण हुआ है लेकिन अभी तक धूल उडने के साथ ही कंक्रीट निकलने लगी हैं।
कई जगह गड्डे होने से आवागमन में दिक्कते आने लगी है। सबसे बडी ताज्जूब की बात यह है कि सड़क पर कभी कभार नगर पालिका के जेईएन और अधिशाषी अधिकारी निकलते है। इसके बावजूद इस सड़क में घटिया क्वालिटी पर ठेकेदार के खिलाफ कोई कार्रवाई नही हो रही है। इसी के कारण मरीज और आमजन धूल और गड्डों में सफर करने में मजबूर है। वही जनप्रतिनिधी सरकार से फिर से बजट मांगने के प्रयास में लगे रहते है।
पहली ही बारिश में निकलने लगी कंक्रीट
सागवाडा शहर में आसपुर बाईपास से श्री साई अस्पताल तक बनी सीसी सड़क को नगर पालिका द्वारा निर्माण कराया गया था। उस समय के अधिकारियों और ठेकेदार ने गुणवत्ता पर ध्यान नही दिया। इसके कारण सडक पर जगह—जगह उपरी परत निकलने से बारिक धूल उडने लगी है। वही सड़क कई जगह धंसने से गड्डे हो गए।सडक पर मरीजो और राहगीर का चलना सबसे ज्यादा दुश्वर है। वही दूपहिया वाहनधारी के धूल के गुबार से आंखों में दिक्कत होती है। वही कई बार वाहन क्षतिग्रस्त होकर एक्सीडेंट होता है।
बिल पास होने के बाद अधिकारी भूल जाते है कर्तव्य
शहर में सडक के निर्माण के लिए राज्य सरकार बजट स्वायत शासन विभाग के माध्यम से जारी करती है। सडक निर्माण की गुणवत्ता और ठेकेदार पर लगाम लगाने के लिए जेईएन, एईएन और अधिशाषी अधिकारी की जिम्मेदारी होती है। सड़क की प्रतिदिन की गुणवत्ता, मेटरियल उपयोग और उससे जुडी तकनीकी जांच के नियम बने होते है। ऐसे में अधिकारी अपने चेहते ठेकेदार के लिए इन सभी नियमों को भूल जाते है।
इसके कारण गुणवत्ता के साथ मेटरियल घटिया क्वालिटी का होता है। जिससे सड़क पहली बारिश में टूटने लगती है। लोगों के विरोध होने या जनप्रतिनिधी का दबाव आने पर अधिकारी ठेकेदार को नोटिस जारी करके औपचारिकता पूरी कर देते है। वही ठेकेदार भी गड्डों में फिर से घटिया मेटरियल से भरकर उपर सिमेंट लगाकर कार्य पूर्ण होने की बात कह कर चले जाते है। इन ठेकेदार के खिलाफ आज तक दंडात्मक कार्रवाई नगर पालिका सागवाडा की ओर से नही की गई है।