सागवाड़ा/खड़गदा गांव में स्थित वागड़ के प्रसिद्ध तीर्थ स्थल श्री क्षेत्रपाल मंदिर में हनुमान जयंती पर मंगलवार को मेला भरा। मंदिर में भगवान क्षेत्रपाल और हनुमानजी की प्रतिमाओं की आकर्षक आंगी की गई थी। इसके साथ ही मंदिर परिसर में स्थित शिव मंदिर और बड़लिया महाराज के मंदिर में भी मनोहारी शृंगार किया गया था।
आसपास के गांवों सहित दूरदराज के कई श्रद्धालुओं ने मंदिर में भगवान के दर्शन कर पूजा-अर्चना में भाग लिया। इसके बाद मंदिर दोपहर में भगवान की प्रतिमा को रजत पालकी में विराजित कर कलशों के साथ शोभायात्रा निकाली गई। जिसमें गांव के आदिवासी फलों और धुणियों के श्रद्धालु भक्त मंडलियां धर्म पताकाएं लेकर ढोल-कुंडी बजाते हुए क्षेत्रपाल दादा के जयकारे लगाते चल रहे थे।
पालिका यात्रा में इस बार कोटा से कलाकार आयेंगे जिसमें 8 फीट के हनुमान और भैरव की अब प्रस्तुति दी गई। इसके अलावा नंदौड से ढोल के कलाकार और हमारे वागड़ की संस्कृति को दर्शाया गया।गाजेबाजे के साथ निकाली गई शोभायात्रा मोरन नदी तट पर पहुंची। जहां पूजा-अर्चना के बाद आरती उतारी गई और प्रसाद वितरण हुआ। मोरन नदी से जल भर कर धर्म प्रभावना के साथ महिलाएं वापस मंदिर पहुंची और जल क्षेत्रपाल दादा के चरणों में समर्पित किया।
मंदिर प्रबंध समिति के अध्यक्ष निखिलेश मेहता, मेला संयोजक चंद्रेश व्यास, सह संयोजक उमेश भट्ट, लक्ष्मीकान्त सुथार, मंत्री पीयूष पुरोहित, जवाहरलाल जोशी, ईश्वर भट्ट, सतीश पुरोहित, योगेश भट्ट, नवनीत भट्ट सहित ग्रामीण व्यवस्थाओं में जुटे हुए थे। इधर, धर्मभाव से आए लोगों ने दर्शन के बाद मंदिर परिसर के बाहर लगे मेले का आनंद लिया।
मेले में खिलौने, शृंगार सामग्री, जलपान, घरेलू सामग्री सहित विभिन्न वस्तुओं की लगी दुकानों पर जमकर खरीदारी की। मेले में सूरजगांव, दीवड़ा छोटा, दीवड़ा बड़ा, जोगपुर, चीतरी, बडग़ी, सैलेतो, खुटवाड़ा, खुमानपुर, डैयाणा, अंबाड़ा, गौरेश्वर, घोटाद, पुनर्वास कॉलोनी, सागवाड़ा, गोवाड़ी सहित आसपास के विभिन्न गांवों से सैकड़ों की तादाद में ग्रामीण शामिल हुए।