Dungarpur News : राजस्थान के डूंगरपुर जिले में सोमकमला आंबा बांध से निकलने वाली नहरों की हालत खस्ता हो चुकी है। वर्षों से इन नहरों की सफाई और मरम्मत नहीं होने के कारण गणेशपुर, टाटिया और आसपास के दर्जनों गांवों तक सिंचाई का पानी नहीं पहुंच पा रहा है। इस समस्या के चलते किसानों की फसलें बर्बाद हो रही हैं, और कई किसान खेती छोड़ने को मजबूर हो गए हैं।
किसानों की सिंचाई व्यवस्था ठप
करीब 30 साल पहले सिंचाई के लिए सोमकमला आंबा बांध से पानी पहुंचाने के उद्देश्य से करोड़ों रुपये की लागत से इन नहरों का निर्माण किया गया था। शुरुआती 7 सालों तक किसानों को इन नहरों से भरपूर पानी मिला, जिससे उनके खेत लहलहाते रहे। लेकिन समय के साथ नहरें क्षतिग्रस्त हो गईं और उनमें मलबा भर गया। परिणामस्वरूप, पिछले वर्षों से इन नहरों में पानी का प्रवाह बंद हो चुका है।
नहरों की मरम्मत की मांग
ग्रामीणों ने कई बार शासन और प्रशासन को इस समस्या से अवगत कराया, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। नहरों में जमा मलबा और जगह-जगह क्षतिग्रस्त हिस्से मरम्मत के अभाव में जस के तस पड़े हैं। किसानों का कहना है कि यदि जल्द ही नहरों की सफाई और मरम्मत का कार्य शुरू नहीं हुआ, तो उन्हें खेती छोड़कर अन्य रोजगार की तलाश में पलायन करना पड़ेगा।
खेती छोड़ पलायन करने को मजबूर किसान
पानी की अनुपलब्धता के कारण कई किसानों ने खेती करना बंद कर दिया है और रोजगार के लिए शहरों की ओर पलायन कर रहे हैं। यह समस्या न केवल किसानों की आर्थिक स्थिति को प्रभावित कर रही है, बल्कि क्षेत्र की कृषि उत्पादकता में भी गिरावट ला रही है।
स्थानीय प्रशासन की उदासीनता
ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन की लापरवाही के कारण नहरों की समस्या विकराल होती जा रही है। नहरों की मरम्मत और सफाई के लिए बार-बार निवेदन करने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हो रही।
समाधान की दिशा में पहल जरूरी
गणेशपुर और आसपास के गांवों के किसानों ने नहरों की सफाई और मरम्मत के लिए तुरंत कदम उठाने की मांग की है। उनका कहना है कि अगर समय रहते समस्या का समाधान किया गया, तो क्षेत्र की खेती फिर से हरी-भरी हो सकती है।
सरकार और प्रशासन से किसानों को उम्मीद है कि उनकी मांगें सुनी जाएंगी और जल्द ही नहरों के पुनरुद्धार का कार्य शुरू होगा, ताकि क्षेत्र की कृषि व्यवस्था को फिर से पटरी पर लाया जा सके।