डूंगरपुर जिले के कोकापुर गांव में होलिका दहन के दूसरे दिन शुक्रवार सुबह अद्भुत परंपरा का निर्वहन हुआ। गांव के युवा और बुजुर्गों ने धधकते अंगारों पर नंगे पैर चलकर पुरानी मान्यता को निभाया।
होलिका पूजन के बाद आग पर चला उत्साह
सुबह से ही गांव के लोग ढोल-ढमाकों के साथ होली चौक पर एकत्र हुए। पहले हनुमान मंदिर और शिव मंदिर में पूजा-अर्चना की गई। इसके बाद ढोल कुंडी की थाप पर गैर नृत्य करते हुए लोग होली चौक पहुंचे। होलिका के दर्शन कर श्रीफल अर्पित किया और धधकते अंगारों पर चलने की अनुमति मांगी।
अद्भुत परंपरा, बिना किसी चोट के पार हुए ग्रामीण
जयकारों के साथ ग्रामीणों ने नंगे पैर अंगारों पर चलना शुरू किया। कई ग्रामीण सुरक्षित रूप से अंगारों पर चले। किसी को कोई चोट नहीं लगी, न ही पैर जले।
आस्था से जुड़ी मान्यता
ग्रामीण नीरा देवी कलाल ने बताया कि यह परंपरा गांव में वर्षों से निभाई जा रही है। मान्यता है कि होलिका दहन के बाद अंगारों पर चलने से गांव में आपदा नहीं आती और सभी का स्वास्थ्य ठीक रहता है।
आसपास के गांवों से भी पहुंचे लोग
इस परंपरा को देखने के लिए आसपास के गांवों से भी बड़ी संख्या में लोग कोकापुर पहुंचे और इस अनूठी परंपरा का साक्षी बने।
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