बांसवाड़ा/वनरक्षक भर्ती परीक्षा-2020 पेपर लीक मामले में बांसवाड़ा से एक सरकारी कर्मचारी गोविंद तेतरवाल को गिरफ्तार किया गया है। स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) की टीम आरोपी को जयपुर ले गई है। गोविंद ने 3.5 लाख रुपए लेकर तीन अभ्यर्थियों—अपना चचेरा भाई सुरेंद्र, ओमप्रकाश और प्यारी—को परीक्षा से पहले लीक पेपर पढ़ाया था।
SOG के एएसपी भवानी शंकर ने बताया कि यह मामला पहले राजतालाब थाने में दर्ज था, लेकिन जांच में पेपर लीक की पुष्टि होने के बाद इसे SOG को ट्रांसफर किया गया। गोविंद 2013 से मुख्य आरोपी जबराराम जाट के संपर्क में था और वर्तमान में जोधपुर वाणिज्य कर विभाग में UDC के पद पर कार्यरत था। मार्च में छुट्टी पर जाने के बाद से वह ड्यूटी पर नहीं लौटा, जिस पर उसका वेतन भी रोक दिया गया था।
गोविंद पहले शराब की दुकान चलाता था, वहीं से जुड़े लोगों—हीराराम के भाई ओमप्रकाश और बहन प्यारी—को भी उसने पैसे लेकर पेपर पढ़ाया था। गोविंद ने यह रकम मुख्य आरोपी जबराराम तक पहुंचाई। प्यारी को गिरफ्तार किया जा चुका है, जबकि ओमप्रकाश परीक्षा में फेल हो गया था, फिर भी वह आरोपी है।
SOG अब गोविंद के पूरे नेटवर्क और परिवार के उन सदस्यों की भी जांच कर रही है जो सरकारी सेवा में हैं। अब तक इस मामले में कुल 35 गिरफ्तारियां हो चुकी हैं और जांच ASP भवानी शंकर की निगरानी में जारी है।
वनरक्षक भर्ती पेपर लीक मामला:
पेपर कैसे लीक हुआ:
13 नवंबर 2022 को हुई परीक्षा से पहले मास्टरमाइंड हरीश सहारण बाड़मेर से पेपर लेकर आया था और बांसवाड़ा में घरों और होटलों में अभ्यर्थियों को पेपर हल कराए गए।
मामला कैसे उजागर हुआ:
28 जून 2024 को शास्त्रीनगर (बांसवाड़ा) निवासी प्रवीण मालवीया की गिरफ्तारी के बाद खुलासा हुआ। उसने बताया कि VDO सकन खड़िया, हरीश सहारण और JEN अभिमन्यु सिंह ने मिलकर साजिश रची थी।
साजिश कैसे रची गई:
पहली पारी का पेपर बांसवाड़ा के होटल ब्लू मून में और दूसरी पारी का पेपर प्रवीण के घर पर हल करवाया गया। हरीश और अभिमन्यु ने पेपर सॉल्व करवाया जबकि VDO सकन खड़िया ने समन्वय का काम किया।