सागवाड़ा। बांसवाडा सम्भागीय आईजी एस. परिमला ने गुरुवार को सागवाडा उपखण्ड क्षेत्र का दौरा किया। इस दौरान आईजी ने गलियाकोट रोड पर स्थित एक निजी स्कूल में जनसुनवाई भी की तथा लोगों की परिवेदनाएं सुनी। जनसुनवाई में लोगों ने क्षेत्र में नशे पर शिकंजा कसने और बाइक राइडर्स पर कार्यवाही करने की मांग रखी।
बांसवाड़ा संभाग बनने के बाद बांसवाड़ा संभाग की पहली महिला पुलिस आईजी एस. परिमला गुरुवार को सागवाडा पहुंची। उनके साथ डूंगरपुर जिला पुलिस अधीक्षक मोनिका सेन भी मौजूद रही। डीएसपी रूपसिंह और थानाधिकारी प्रभुलाल मीणा ने आईजी व एसपी का स्वागत किया। इससे पहले आईजी के सागवाड़ा पहुंचने पर आईजी को डीएसपी कार्यालय में पुलिस के जवानों ने गार्ड ऑफ ऑनर दिया।
बाद में आईजी परिमला ने डीएसपी कार्यालय का निरीक्षण किया। इसके बाद गलियाकोट रोड़ पर एक निजी स्कूल परिसर में जनसुनवाई हुई। सागवाड़ा नगरपालिका के पूर्व प्रतिपक्ष नेता ध्यानीलाल कंसारा ने कहा कि नगर की जनसंख्या बढ रही है लेकिन उस अनुसार थाने में स्टाफ नही है। सागवाडा के आसपास बडे-बडे गाँव है। सागवाडा सहित आसपास के थानों में स्टाफ नही है। उन्होंने कहा कि पुनर्वास कालोनी में भी पुलिस जाब्ता बढाने की आवश्यकता है।
सागवाडा पालिका के नेता प्रतिपक्ष हरिश्चंद्र सोमपुरा ने शहर में पार्किंग व्यवस्था सुधारने की मांग रखी। जनसुनवाई के दौरान घाटा का गाँव में चौकी की मांग को लेकर ज्ञापन दिया। जनसुनवाई में आये लोगों ने एक स्वर में तेज गति व स्टंट करने वाले बाइक राइडर्स पर कार्यवाही की आवश्यकता बताई। दलीचंद बुनकर ने माही पुल पर स्थाई चौकी बनाने की मांग रखी। उन्होंने कहा कि पूर्व में यहां अस्थाई पुलिस चौकी थी, पर हाईवे बनने के दौरान अस्थाई पुलिस चौकी को हटा दिया गया है।
लोगों ने बताया कि सरोदा क्षेत्र में गायों की तस्करी ज़्यादा हो रही है जिसे रोका जाना चाहिए। युवा पीढ़ी नशे में फंस चुकी है जिस पर रोक लगानी होगी। सागवाडा में युवा ब्राउन शुगर जैसे नशे में फंस गये है। लोगों ने हरे पेड़ों की कटाई पर पाबंदी लगाने की भी मांग की। ओड गांव में अज्ञात वाहन घूम रहे है जिसकी निगरानी की आवश्यकता जताई।
आईजी एस. परिमला ने कहा कि सीएलजी सदस्य जागरूक रह कर किसी भी अपराध की थाने में समय पर सूचना देकर सहयोग कर सकते है। पुलिस मित्र को ट्रैफिक के बारे में प्रशिक्षण दिया जा सकता है। घटना की जानकारी तत्काल पुलिस को दे, ताकि समय पर सहयोग मिल सके। अपने आसपास के सुने मकान की निगरानी पड़ौसी को रखनी चाहिए।
आस पडौस में कोई संदिग्ध गतिविधि चल रही हो या संदिग्ध व्यक्ति घुम रहा है तो समय पर पुलिस को सूचना दे। पुलिस की वर्किंग कैसे सुधारी जाये इसके सुझाव दिये जा सकते है। आईजी ने कहा कि यहाँ शिक्षा की कमी के चलते डूंगरपुर में पोस्को एक्ट में केस ज़्यादा हो रहे है। आईजी ने कहा कि नए क़ानून जुलाई से लागू हो रहे है। डूंगरपुर एसपी मोनिका सेन ने जुलाई से लागू होने वाले नये क़ानून के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि नये क़ानून में भारतीय न्याय संहिता पर ज़्यादा जोर दिया गया है। इस अवसर पर पुलिस के कई जवान और नगर व आसपास क्षेत्रों के जनप्रतिनिधि मौजूद रहे।
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