सागवाड़ा। शहर में आबकारी नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। सागवाड़ा शहर और आसपास के क्षेत्रों में संचालित कई होटल और ढाबों में बिना लाइसेंस के खुलेआम शराब परोसी जा रही है। “मेरा सागवाड़ा” की 3 दिन की विशेष जांच (स्टिंग) में सामने आया कि शहर के अधिकांश होटल और ढाबों में न तो कोई वैध लाइसेंस है और न ही कोई ओकेजनल लाइसेंस लिया गया है, फिर भी बेधड़क तरीके से शराब परोसी जा रही है।
शहर में केवल एक होटल बार ऐसा है, जिसके पास वैध लाइसेंस है, जबकि डूंगरपुर, बांसवाड़ा, गलियाकोट और गोरेश्वर मार्ग पर कई होटल-ढाबे अवैध रूप से शराब बेच रहे हैं। यह सब कुछ आबकारी विभाग और पुलिस की नाक के नीचे हो रहा है, बावजूद इसके जिम्मेदार अधिकारी आंखें मूंदे बैठे हैं।
शहरवासी और जागरूक नागरिक जब कभी शिकायत करते हैं तो विभागीय कार्रवाई के नाम पर केवल खानापूर्ति होती है। पिछले एक साल में आबकारी विभाग ने महज 5-10 मामूली कार्रवाई कर अपनी जिम्मेदारी निभा दी। पुलिस भी इस मुद्दे पर केवल औपचारिक कार्रवाई कर रही है, जबकि कानूनन पुलिस एक्साइज एक्ट के तहत स्वतः कार्रवाई कर सकती है या फिर आबकारी विभाग को सख्त कार्रवाई के लिए पत्र लिख सकती है।
होटल और ढाबा संचालकों का दुस्साहस इस कदर बढ़ गया है कि वे किसी भी प्रकार के लाइसेंस को जरूरी नहीं मानते। कई जगहों पर तो शराब खुलेआम परोसी जाती है और वहीं उपभोग भी कराया जाता है, जो स्पष्ट रूप से कानून का उल्लंघन है।
जनता की मांग:
स्थानीय लोगों ने जिला प्रशासन और उच्च अधिकारियों से इस मामले में सख्त कार्रवाई की मांग की है। लोगों का कहना है कि यदि जल्द ही इन अवैध गतिविधियों पर रोक नहीं लगाई गई, तो इससे कानून व्यवस्था की स्थिति भी प्रभावित हो सकती है और युवा वर्ग को भी गलत दिशा में जाने से नहीं रोका जा सकेगा।
सागवाड़ा में आबकारी नियमों की अवहेलना अब गंभीर रूप ले चुकी है। जिम्मेदार अधिकारियों की चुप्पी और मिलीभगत की आशंका ने हालात और भी चिंताजनक बना दिए हैं। ज़रूरत है कि इस पर तत्काल और कठोर कार्रवाई हो ताकि कानून का भय बना रहे और अवैध धंधे पर रोक लग सके।