बेणेश्वर धाम : सोम, माही और जाखम नदियों के त्रिवेणी संगम बेणेश्वर धाम पर 25 जनवरी पौष पूर्णिमा के दिन महापदयात्रा निकाली जाएगी। महंत अच्युतानंद महाराज के साथ ही राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश और देशभर से आने वाले मावभक्त पदयात्रा में शामिल होंगे। 24 जनवरी की शाम के समय आबुदर्रा घाट पर महाआरती का आयोजन होगा। पौष पूर्णिमा को लेकर हजारों मावभक्त त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाएंगे। एक महीने बाद 24 फरवरी को बेणेश्वर महाकुंभ भरेगा।
पौष पूर्णिमा पर बेणेश्वर धाम पर होने वाली पदयात्रा को लेकर तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। 24 जनवरी को राजस्थान सहित गुजरात, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश और देशभर से माव भक्त बेणेश्वर धाम पहुंचेंगे। इस दिन रात 8 बजे महंत अच्युतानंद महाराज के साथ हजारों माव भक्तों की ओर से सोम, माही और जाखम नदियों के त्रिवेदी संगम आबुदर्रा घाट पर महाआरती उतारी जाएगी। इसके अगले दिन 25 जनवरी को पौष पूर्णिमा पर पदयात्रा निकाली जाएगी। महंत अच्युतानंद महाराज के साथ देशभर से आने वाले मावभक्त पदयात्रा में शामिल होंगे।
साबला हरी मंदिर में पूजा-अर्चना के बाद महंत पदयात्रा शुरू करेंगे। ढोल नगाड़ों के साथ संत मावजी महाराज के जयकारे लगाते हुए पदयात्रा 5 किमी का सफर तय करते हुए बेणेश्वर धाम पहुंचेगी। बेणेश्वर धाम पर स्थित शिव मंदिर, राधा कृष्ण मंदिरों में पूजा-अर्चना, आरती के बाद सत्संग होगा। पदयात्रा के बाद से बेणेश्वर धाम पर महीनेभर तक लोगों की भीड़ शुरू हो जाएगी। पौष पूर्णिमा से लेकर माघ पूर्णिमा तक लोग बेणेश्वर धाम के त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाकर मंदिरों में दर्शन करेंगे।
14 फरवरी को ध्वजारोहण से बेणेश्वर महाकुंभ की शुरुआत
बेणेश्वर महाकुंभ की शुरुआत अगले महीने होगी। 14 फरवरी को माघ शुक्ल पंचमी के दिन साबला हरी मंदिर पर ध्वजारोहण किया जाएगा। माघ शुक्ल एकादशी 20 फरवरी को बेणेश्वर धाम में राधा कृष्ण मंदिर पर ध्वजारोहण के साथ मेले की शुरुआत होगी। महंत अच्युतानंद महाराज की ओर से सप्तरंगी ध्वजा फहराई जाएगी। इसके साथ ही देशभर से आने वाले श्रद्धालु त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाएंगे। सालभर में मृतक अपने परिवार के लोगों की अस्थियों का त्रिवेणी संगम में विसर्जन के बाद तर्पण अर्पण करेंगे। वहीं मंदिरों में दर्शन कर खरीदारी करेंगे।
24 फरवरी को मुख्य मेला
24 फरवरी को माघ पूर्णिमा के दिन मुख्य मेला भरेगा। इस दिन साबला से बेणेश्वर धाम तक पालकी यात्रा आकर्षण का केंद्र रहेगी। महंत की पालकी यात्रा के बाद आबुदर्रा घाट पर शाही स्नान और फिर मंदिरों में दर्शन और पूजा अर्चना के कार्यक्रम होंगे। 29 मार्च को पालकी यात्रा के बेणेश्वर धाम से वापस साबला पहुंचने के साथ मेले का समापन होगा।