राजस्थान के डूंगरपुर जिले में महात्मा गांधी नरेगा योजना (मनरेगा) का क्रियान्वयन बजट की भारी कमी के चलते गंभीर संकट में है। जिले में मनरेगा श्रमिकों, मेट और कारीगरों का ₹16.27 करोड़ से अधिक भुगतान लंबित है, जबकि सामग्री मद का ₹1.83 अरब रुपए से ज्यादा पिछले दो वर्षों से रुका हुआ है।
डूंगरपुर जिले ने 100 दिन का रोजगार पूर्ण करवाने में प्रदेश में प्रथम स्थान प्राप्त किया है, जहां 62,000 से अधिक श्रमिकों ने 100 दिन का कार्य पूरा किया। इसके बावजूद श्रमिकों को पिछले तीन महीनों से मजदूरी नहीं मिली, और मेट व कारीगरों को छह माह से भुगतान नहीं किया गया है।
सभी 10 ब्लॉक्स में सामग्री सप्लायरों को ₹1.83 अरब रुपए का भुगतान लंबित है, जिससे विकास कार्यों पर भी असर पड़ा है।
सरपंच संघ के अध्यक्ष लीलाराम वरहात ने बताया कि गांवों में सरपंचों का निकलना दूभर हो गया है, क्योंकि एक ओर श्रमिक व कारीगर मजदूरी की मांग कर रहे हैं, तो दूसरी ओर सामग्री सप्लायर आक्रोशित हैं।
उन्होंने चेतावनी दी कि यदि शीघ्र भुगतान नहीं हुआ तो सरपंच संघ कार्यों का बहिष्कार करेगा। जिला कलेक्टर अंकित कुमार सिंह ने कहा कि बजट उपलब्ध न होने के कारण भुगतान नहीं हो पा रहा है, और जैसे ही बजट आता है, तुरंत भुगतान किया जाएगा।