सागवाड़ा। उपजिला अस्पताल में निशुल्क दवा वितरण व्यवस्था मरीजों के लिए परेशानी का सबब बन गई है। अस्पताल में केवल एक ही काउंटर से दवा वितरित की जा रही है, दूसरे काउंटर पर मौजूद कर्मचारियों के होते हुए भी उनका उपयोग नहीं किया जा रहा। इससे अस्पताल में इलाज के लिए आने वाले मरीजों, खासकर दूर-दराज से आए ग्रामीणों को लंबी लाइन में खड़े रहना पड़ता है।
दवा वितरण के लिए लंबी कतारें सुबह से ही लग जाती हैं। तेज गर्मी में बुजुर्ग, महिलाएं, गर्भवती महिलाएं और गंभीर रोगी विशेष रूप से परेशान हैं। अस्पताल में मौजूद दो काउंटरों में से केवल एक काउंटर से ही दवाएं दी जा रही हैं। दूसरा काउंटर चालू होने के बावजूद वहां बैठे कर्मचारी मरीजों को टाल देते हैं और कहते हैं, “दवा वहीं से मिलेगी।”
घंटों इंतजार, पर नहीं मिलती राहत
दूर-दराज के गांवों से इलाज के लिए आए मरीजों को पहले डॉक्टर से परामर्श के बाद दवा काउंटर पर पहुंचना होता है, लेकिन यहां उन्हें नई समस्या का सामना करना पड़ता है। मरीजों को एक-एक दवा के लिए कई लंबी कतार में खड़े रहना पड़ता है। कई बार गंभीर रोगी, बुजुर्ग और महिलाएं चक्कर खाकर बैठ जाती हैं, लेकिन व्यवस्था में सुधार नहीं हो रहा।
कर्मचारी मौजूद, फिर भी काम धीमा
दवा वितरण कक्ष में तीन से चार कर्मचारी मौजूद रहते हैं, लेकिन केवल एक ही कर्मचारी वितरण कर रहा है। इससे वितरण प्रक्रिया बेहद धीमी हो जाती है और मरीजों को अधिक समय तक इंतजार करना पड़ता है। बाकी कर्मचारी केवल बैठे रहते हैं और जिम्मेदारी लेने से बचते हैं।
स्थानीय लोगों में रोष
इस अव्यवस्था को लेकर स्थानीय लोगों में रोष है। उनका कहना है कि जब सरकार निशुल्क दवाएं उपलब्ध करा रही है, तो उनकी सही व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाए। जरूरत है कि दूसरे काउंटर चालू किए जाएं और कर्मचारियों को जिम्मेदारी से कार्य करने के लिए निर्देशित किया जाए। जनता की मांग है कि अस्पताल प्रशासन तत्काल प्रभाव से दूसरे काउंटर शुरू करे, कर्मचारियों की जवाबदेही तय करे और जरूरतमंद मरीजों को प्राथमिकता दे। ताकि सरकारी योजनाओं का लाभ सही मायनों में मरीजों तक पहुंच सके।