डूंगरपुर/विधानसभा चुनावों को लेकर नामांकन प्रक्रिया 30 अक्टूबर से शुरू हो गई है। डूंगरपुर जिले की चारों विधानसभा सीटों पर भाजपा और बीएपी ने प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं। लेकिन कांग्रेस की ओर से अभी तक एक ही प्रत्याशी की उतारा गया है।
भाजपा ने डूंगरपुर से बंशीलाल कटारा, चोरासी से पूर्व राज्यमंत्री सुशील कटारा, आसपुर से 2 बार के विधायक गोपीचंद मीणा और सागवाड़ा से शंकर डेचा को टिकिट दे दिए। इसके बाद बीटीपी से टूटकर अलग बनी नई बीएपी पार्टी ने डूंगरपुर से कांतिलाल रोत, चोरासी से मौजूदा विधायक राजकुमार रोत, आसपुर से उमेश डामोर और सागवाड़ा से बीएपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मोहनलाल रोत को ही मैदान में उतारा है।
इसके अलावा बीटीपी अब तक 3 उम्मीदवार घोषित कर चुकी है। डूंगरपुर से डॉ. दीपक घोघरा, चोरासी से रणछोड़ ताबियाड और सागवाड़ा से मोहन डिंडोर को प्रत्याशी बनाया है। लेकिन बीटीपी की ओर से आसपुर से अभी तक प्रत्याशी की घोषणा नहीं की गई है। आम आदमी पार्टी भी पहली बार डूंगरपुर से मैदान में होगी। आप ने डूंगरपुर से पूर्व विधायक देवेंद्र कटारा, चोरासी से शंकरलाल आमलिया, आसपुर से मुकेश कुमार को टिकट देकर मैदान में उतारा है।
कांग्रेस में खींचतान, 3 प्रत्याशियों की घोषणा बाकी
उम्मीदवारों को लेकर कांग्रेस में बड़ी खींचतान नजर आ रही है। यही वजह है की 3 महीने पहले प्रत्याशी उतारने की बात करने वाली कांग्रेस पार्टी नामांकन प्रक्रिया शुरू होने के बाद भी उम्मीदवार की घोषणा नहीं कर पाई है। डूंगरपुर सीट से सिर्फ मौजूदा विधायक गणेश घोघरा को टिकिट दिया है। इसके अलावा चौरासी, सागवाड़ा और आसपुर सीट से अभी तक घोषणा नहीं हुई है। तीनों सीटों पर कांग्रेस में उम्मीदवारों की बड़ी लिस्ट है। ऐसे में कांग्रेस पार्टी विरोध को रोकने नामों की घोषणा में देरी कर रही है।
डूंगरपुर सीट को लेकर सभी में विरोध
डूंगरपुर विधानसभा सीट पर प्रत्याशी को लेकर भाजपा, कांग्रेस और बीएपी में विरोध है। हालांकि भाजपा की कई समझौता बैठकों के बाद नाराज कार्यकर्ताओं के बीच सहमति की बात सामने आ रही है। लेकिन कांग्रेस में टिकट नहीं मिलने से नाराज बिछीवाड़ा प्रधान देवराम रोत ने निर्दलीय चुनाव लड़ने की खुली चुनौती दे दी है। देवराम रोत का कांग्रेस से पूर्व विधायक लालशंकर घाटियां, पूर्व प्रधान लक्ष्मण कोटेड का समर्थन है। वहीं बीएपी में कांतिलाल रोत को टिकिट देने पर जिलाध्यक्ष अनुतोष रोत के साथ कई कार्यकर्ताओं ने मोर्चा खोल दिया है। अनुतोष रोत ने टिकिट वितरण में आदिवासी सलेक्शन प्रणाली नहीं अपनाने के आरोप लगाते हुए मनमर्जी से टिकिट देने का आरोप लगाया है। विरोध के चलते तीनों पार्टियों में मुश्किलें है।