सीएम भजनलाल शर्मा की कैबिनेट की दूसरी बैठक में पेट्रोल डीजल के दाम कम करने का फैसला लिया गया है। सरकार ने वैट में 2 प्रतिशत कटौती की है। वहीं, ऑयल मार्केटिंग कंपनियों ने भी देशभर में 2 रुपए लीटर पेट्रोल-डीजल के दाम कम कर दिए हैं। इससे राजस्थान को डबल फायदा होगा और राजस्थान के हर जिले में कम से कम साढ़े 3 रुपए पेट्रोल-डीज़ल पर जरूर कम होंगे। राजस्थान में अब 31.04 प्रतिशत की जगह 29.04 प्रतिशत वैट लगेगा।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि वैट में कटौती से पेट्रोल के रेट में 1 रुपए 40 पैसे से लेकर 5 रुपए 30 तक रेट कम होंगे, डीजल के रेट 1 रुपए 34 पैसे से लेकर 4 रुपए 85 पैसे तक कम हाेंगे। नए रेट आज रात ही अपडेट होंगे।
एक जैसे होंगे हर जिले में रेट
अभी तक राजस्थान के अलग-अलग शहरों में पेट्रोल-डीजल के रेट अलग-अलग थे, उस विसंगति को भी सरकार ने दूर कर दिया है, अब हर ज़िले में एक ही रेट होगा। अभी जिस ज़िले में पेट्रोल-डीजल के रेट पहले से ज्यादा थे, वहां ज्यादा पैसा कम होगा, वहीं जिस जिले में रेट कम है, वहां कम पैसे घटेंगे। राजस्थान की राजधानी जयपुर में इंडियन ऑयल के पेट्रोल पंप पर अभी डीजल के रेट 93.72 रुपए प्रति लीटर और पेट्रोल की कीमत 108.48 रुपए प्रति लीटर है।
कल सुबह 6 बजे से लागू होंगी कीमतें
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि पेट्रोल-डीजल पर कम हुई कीमतें शुक्रवार सुबह 6 बजे से लागू होंगी। इससे राज्य सरकार के ऊपर 1500 करोड़ रुपए का भार आएगा।
दरअसल, 10 और 11 मार्च को ही प्रदेश में वैट कम करने की मांग को लेकर पेट्रोल डीलर्स ने हड़ताल की थी। साथ ही सरकार को तीन दिन का अल्टीमेटम दिया था।
कर्मचारियों का महंगाई भत्ता 4 प्रतिशत बढ़ा राज्य सरकार ने कर्मचारियों का महंगाई भत्ता(डीए) 4 प्रतिशत बढ़ा दिया है। गौरतलब है कि पिछले दिनों केंद्र सरकार ने महंगाई भत्ता बढ़ाया था। इसके बाद राज्य सरकार ने भी यह फैसला लिया। इससे राज्य सरकार पर 1639 करोड़ रुपए का भार आएगा। राज्य सरकार ने महंगाई भत्ता 46 से बढ़ाकर 50 प्रतिशत कर दिया है।
राजस्थान में दो कारणाें से हुई थी पेट्रोल-पंप संचालकों की हड़ताल
पहला कारण : राजस्थान में पेट्रोल पर 31.04 प्रतिशत वैट था। साथ ही 1.5 रुपए प्रति लीटर रोड डेवलपमेंट सैस भी वसूला जा रहा है।
इसी तरह डीजल पर 19.30 प्रतिशत वैट था। वहीं, इस पर 1.75 रुपए प्रति लीटर सैस वसूला जा रहा है। राजस्थान उन राज्यों में है जहां पेट्रोल-डीजल पर सबसे ज्यादा टैक्स लिया जा रहा है।
दूसरा कारण : हड़ताल का दूसरा बड़ा कारण राजस्थान के पड़ोसी राज्यों में पेट्रोल-डीजल सस्ता होना था। कुछ राज्यों में भले ही राजस्थान के बराबर या इससे ज्यादा वैट पेट्रोल-डीजल पर हो, लेकिन राजस्थान के लिए समस्या इसलिए थी कि राजस्थान से सटे पड़ोसी राज्यों में यहां की तुलना में काफी सस्ता पेट्रोल-डीजल था।
वहां पर वैट भी काफी कम है। यही वजह है कि राजस्थान के किसी भी कोने से आने वाले वाहन में पेट्रोल पड़ोसी राज्यों से भरवाया जा रहा था। इससे राजस्थान के पेट्रोल पम्प संचालकों को नुकसान हो रहा था।
राजस्थान के पड़ोसी राज्य गुजरात, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और दिल्ली में दरें काफी कम है। पेट्रोल जहां 16 रुपए तक तो डीजल 11 रुपए तक सस्ता मिल रहा था।
पंजाब से तुलना करें तो पंजाब बॉर्डर से सटे राजस्थान के जिलों में पेट्रोल की कीमत में 13 से 16 रुपए और डीजल में 8 से 11 रुपए तक का अंतर था। हरियाणा की तुलना में पेट्रोल की कीमत 12 से 13.50 रुपए और डीजल में 4 से 5.50 रुपए तक का अंतर था। यूपी की तुलना में पेट्रोल में 11 से 12.70 रुपए और डीजल में 3 से 5 रुपए तक का अंतर था। गुजरात की तुलना में पेट्रोल पर 12 से 14 रुपएऔर डीजल पर 2 से 3.5 रुपए प्रति लीटर तक का अंतर था। दिल्ली की तुलना करें पेट्रोल में 11 से 12.50 रुपए और डीजल पर 4 से 5 रुपए का अंतर था।