PM Fasal Bima Yojana : बारिश से खराब हो गई फसल तो निराश न हों किसान, ऐसे करे बीमा राशि के लिए क्‍लेम

PM Fasal Bima Yojana

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत (PM Fasal Bima Yojana) बीमित फसल नष्‍ट होने के बाद बीमा कंपनी उसके नुकसान की भरपाई करती है. इस योजना के तहत किसान बहुत कम पैसे देकर अपनी फसल का बीमा करवा सकता है.

  • पीएम किसान फसल बीमा योजना के तहत फसल का बीमा कराना काफी आसान है.
  • प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत किसान को दो तरह से बीमा क्‍लेम मिलता है.
  • फसल को नुकसान होने पर किसान को 72 घंटे में इसकी सूचना देनी होती है.
कई बार भारी बारिश, आंधी, तूफान या किसी दूसरी प्राकृतिक आपदा के कारण किसानों की फसल खराब हो जाती है. फसल नष्‍ट होने से किसान कई मुश्किलों से घिर जाता है और आर्थिक रूप से वह टूट जाता है. किसानों की इसी समस्या को देखते हुए केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PM Fasal Bima Yojana) शुरू की है. इस योजना के तहत किसान बहुत कम पैसे देकर अपनी फसल का बीमा करवा सकता है.

बीमित फसल नष्‍ट होने के बाद बीमा कंपनी उसके नुकसान की भरपाई करती है. शुरुआत मे सरकार ने बैंको से लोन लेने वाले किसानो के लिए अपनी फसल का बीमा कराना अनिवार्य कर दिया था. परंतु, अब यह किसान की मर्जी पर निर्भर करता है कि वह अपनी फसल का बीमा कराए या नहीं. अधिकतर किसान अपनी फसल का बीमा कराते हैं.

कैसे कराएं बीमा?
पीएम किसान फसल बीमा योजना के तहत फसल का बीमा कराना काफी आसान है. जिन किसानों ने किसान क्रेडिट कार्ड बना रखा है या कोई अन्‍य कृषि ऋण ले रखा है तो वे उसी बैंक से अपनी फसल का बीमा करा सकते हैं. इसके लिए उन्‍हें कुछ ज्‍यादा नहीं करना होगा. बस बैंक में एक फॉर्म भरना होगा. बैंक के पास किसान की जमीन और अन्‍य कागजात होते हैं, इसलिए आसानी से बीमा हो जाता है.

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जिन किसानों ने लोन नहीं ले रखा है, वे भी किसी भी बैंक से यह बीमा करा सकते हैं. हर जिले मे सरकार ने फसल बीमा करने के लिए एक या एक से अधिक बीमा कंपनियो को अधिकृत कर रखा है. बैंक इनके संपर्क मे रहते है. किसान बैंक मे आधार कार्ड, जमीन से संबंधित कागजात, पटवारी से लिया गया खेत मे बोई गई फसल का विवरण और वोटर कार्ड जैसी आईडी ले जाकर फसल बीमा करवा सकता है.

कैसे लें क्‍लेम?
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत किसान को दो तरह से बीमा क्‍लेम मिलता है, पहला प्राकृतिक आपदा से फसल नष्‍ट होने पर और दूसरा  औसत आधार पर फसल कम होने पर. औसत आधार पर फसल कम होने पर किसान के खाते मे बीमा कंपनी अपने आप ही पैसे डाल देती है. इसके लिए किसान को कहीं आवेदन करने की जरूरत नहीं होती.

वहीं, प्राकृतिक आपदा से फसल नष्‍ट होने पर किसान को आवेदन करने की आवश्‍यकता होती है. फसल खराब होने के 72 घंटे के भीतर कृषि विभाग को फसल खराब होने की जानकारी देनी होती है. इसके लिए एक फार्म भरना होता है. इसमें फसल खराब होने का कारण, कौन सी फसल बोई गई है और कितने क्षेत्र में फसल बोई गई है, खेत किस गांव में है, साथ ही जमीन से संबंधित जानकारी देनी होती है. इस फॉर्म के साथ फसल की बीमा पॉलिसी की फोटोकॉपी भी लगानी होती है. बीमा पॉलिसी, वह बैंक देता है जहा से बीमा कराया गया है. आवेदन देने के कुछ समय बाद बीमा कंपनी के प्रतिनिधि और कृषि विभाग के कर्मचारी खेत का निरीक्षण कर नुकसान का आंकलन करते है. उसी आधार पर बीमा राशि तय की जाती है. फिर कुछ समय बाद किसान के खाते में बीमा राशि डाल दी जाती है.

कितना मिलता है क्‍लेम?
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत अलग-अलग फसलों के लिए बीमा राशि अलग-अलग है. कपास की फसल के लिए अधिकतम 36,282 रुपये, धान के लिए फसल के लिए 37,484 रुपये, बाजरा की फसल के लिए 17,639 रुपये, मक्का की फसल के लिए 18,742 रुपये और मूंग की फसल के लिए 16,497 रुपये प्रति एकड़ राशि मिल सकती है.

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