सागवाड़ा/ क्षेत्र में इन दिनों चोरी की वारदात को अंजाम देने वाले बदमाश सक्रिय हो रहे है। इस कारण आमजन में डर बना हुआ है।
बदमाशों द्वारा पहले की गई चोरी की वारदातों का खुलासा भी नही हो पाया है और थाना क्षेत्र के सागवाड़ा नगर में संचावत वाटिका के पास स्थित एक ज्वेलरी शॉप को बीती रात चोरों ने अपना निशाना बना दिया। चोर शॉप के शटर को तोड़कर हजारों रुपए के चांदी के जेवर चुरा ले गए। सीसीटीवी फुटेज में चोरी की पूरी वारदात कैद हुई है। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
सागवाड़ा निवासी ज्वेलर सुमित पंचाल ने बताया कि कल रात को वह अपनी ज्वेलरी शॉप मंगल करके गया था। आज सुबह सूचना मिली की दुकान का शटर टूटा हुआ है और शॉप में चोरी हो गई है। सूचना पर शॉप पर पहुंचे तो देखा की शॉप का शटर टूटा हुआ था। वही शॉप के अंदर काउंटर पर लगे ज्वेलरी डिस्प्ले टूटे हुए थे। डिस्प्ले में लगे हजारों रुपए के चांदी के जेवर गायब थे। चोर शॉप से हजारों के चांदी के जेवर चुरा ले गए।
इधर चोरी की पूरी वारदात दुकान में लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हुई है। जिसमे 3 चोर दिखाई दे रहे है। पीड़ित ज्वेलर ने सागवाड़ा थाना पुलिस को चोरी की रिपोर्ट दर्ज करवाते हुए सीसीटीवी फुटेज उपलब्ध करवाई है। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। इधर सागवाड़ा नगर में इससे पहले भी चोरी की वारदाते हुई है। लेकिन पुलिस उन वारदातों को खोलने में आज तक नाकाम है।
आख़िर सागवाड़ा पुलिस कब करेगी खुलासा?
केस : 1 नगर के बोहरावाडी में करीब 8 माह के पास आस चोरों ने रात 3 सूने मकानों को निशाना बनाया। चोर तीनों मकानों से करीब 30 लाख के सोने के आभूषण और डेढ़ लाख की नकदी की चोरी की थी, लेकिन इसका भी अब तक कोई खुलासा नहीं हो पाया है ।
केस : 2 सागवाड़ा थाना क्षेत्र के वरसिंगपुर गांव में एक रात में 6 घरों में चोरी की वारदात हुई। घरों के लोग शादी समारोह, व्यापार और परिवार के कामों से बाहर गए हुए थे। घरों से लाखों के सोने-चांदी के जेवरात और कैश चोरी हो गया है। सुने घरों में चोरी की वारदात पर लोगों ने आक्रोश जताया। फिर भी अब तक पुलिस कोई सुराग नहीं लग पाया है।
चोरी बढऩे पर आती है याद
शहर में जब लगातार चोरी की वारदात बढ़ती है तभी पुलिस के उच्चाधिकारियों को रात्रि गश्त पर ध्यान आता है। नगर में जब जब वारदातें बढ़ी पुलिस अधिकारियों का यही कहना कि अब रात्रि गश्त में बदलाव किया जाएगा, बढ़ाएगा जाएगा। कुछ दिन तो अमल जरूर किया जाता। उसके बाद इसे कूड़ा दान में डाल दिया जाता है। इसके चलते शहरवासियों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है।