सागवाड़ा गलियाकोट रोड पर पुनर्वास कॉलोनी बस स्टैंड के पास मुख्य मार्ग से सटे पुरातन सार्वजनिक कुएं को मिट्टी डालकर पाट दिया गया है। इससे सर्वसमाज के लोगों में रोष व्याप्त है। कॉलोनी नुक्कड़ पर मुख्य रोड़ के किनारे नाले के पास बना यह बरसों पुराना कुआं पालिका के कुएं के नाम से जाना जाता रहा है। यहां रथोत्सव में रथ यात्रा और राम रेवाड़ी का विश्राम स्थल हुआ करता था, जिसका अब अस्तित्व ही समाप्त हो गया है।
नागरिक बताते हैं कि यह कुआं एक समय पूरी कॉलोनी के लिए पेय जल का मुख्य स्रोत माना जाता था। वर्तमान में घर-घर नल लग जाने से इस कुएं का महत्व भले ही काम हो गया हो पर सर्व समाज के लोगों की धार्मिक व सांस्कृतिक भावनाएं आज भी इस कुएं से जुड़ी हुई है। पुनर्वास कॉलोनी के लोगों ने बताया कि रथोत्सव के दौरान जैन समाज द्वारा निकाली जाने वाली रथ यात्रा का विश्राम इसी कुएं के पास होता था और इस कुएं के पानी से ही रथ में विराजित भगवान की पूजा और अभिषेक होता था।
वहीं महाकाली मंदिर से निकलने वाली राम रेवाड़ी के दौरान भी रथ में विराजित भगवान की पूजा अर्चना इसी कुएं के पास होती थी, इस कुएं के पानी से ही भगवान की पूजा व अभिषेक होता था। गंगोद्यापन और अन्य धार्मिक आयोजनों में भी इस सार्वजनिक कुएं का महत्व रहा है। कॉलोनी के लोग इस कुएं को आज भी याद करते हुए इसको वापस खुलवाकर संरक्षण की जरूर बता रहे हैं। करीब दो साल पहले यहां नगर पालिका की संपत्ति का बोर्ड भी लगाया गया था। लेकिन अब कुएं के पीछे की तरफ दुकानें बन गई हैं। एसे में सामने की तरफ कुएं को सोचे समझे तरीके से धीरे धीरे मिट्टी का भराव कर पांट दिया है, जिससे भविष्य में कोई अड़चन न आए और लोग कुएं के अस्तित्व को भूल जाएं। अपने निजी स्वार्थ के लिए कुएं को पाट देने से सर्व समाज के लोगों में काफी रोष है।
पालिका क्षेत्र में सरेआम इस तरह सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया जा रहा है लेकिन शासन प्रशासन उदासीन बना हुआ है। गलियाकोट रोड पर इस पुराने कुएं को लेकर लोगों ने अंदेशा जताया है कि दुकानदारों ने ही कुए को भराव कर समतलीकरण करवा दिया है। फिलहाल यहां मिट्टी पड़ी हुई है और कुएं के नाम पर गड्ढा बचा हुआ है। पुनर्वास कॉलोनी सर्व समाज के लोगों ने कुएं को खुलवाकर वापस यथा स्थिति में लाने और इसका संरक्षण करने की मांग की है।