सागवाड़ा : पुलिस थाने में एक प्राइवेट कंपनी के ब्रांच मैनेजर समेत 3 लोगों के खिलाफ 2.50 करोड़ रुपए से ज्यादा की धोखाधड़ी का केस दर्ज हुआ है। 19 एजेंटों ने मिलकर रिपोर्ट दर्ज करवाई है, जिसमें लोन दिलाने और एफडी-आरडी के नाम पर रुपए हड़पने का आरोप लगाया है। आरोपियों ने इस बारे में पुलिस को बताने पर रुपए डूबने तक की धमकी दी है। पुलिस ने ब्रांच मैनेजर और अन्य कर्मचारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है और उनकी तलाश में जुटी है।
थानाधिकारी हिमांशु सिंह ने बताया कि पादरा निवासी अमृतलाल परमार समेत 19 एजेंटों ने मिलकर रिपोर्ट दी है। इन लोगों ने बताया कि वे सभी एलो ग्लोबल निधि मैच्यूअल बेनिफिट और माइक्रो फाइनेंस कंपनी के
एजेंट है। कंपनी का सागवाड़ा में ऑफिस खोलकर सभी बेरोजगार एजेंटों को लोन दिलाने का झांसा दिया। ब्रांच मैनेजर मुकेश पुत्र विजयपाल मीणा निवासी मांडव ने आरबीआई और गवर्नमेंट के सर्टिफिकेट बताकर उनको फंसाया। ब्रांच मैनेजर मुकेश मीणा के साथ पूर्व कैशियर रजनीश सोमपुरा निवासी सागवाड़ा और वर्तमान कैशियर राजेंद्र डेंडोर निवासी कसारिया ने आरडी और एफडी में निवेश कराने की बात कही।
उन्होंने बताया कि सागवाड़ा में ढाई करोड़ रुपए से ज्यादा का जमा करने के बाद केवल 6 से 7 लाख रुपए के ही लोन बांटे। वहीं जमा राशि को खुद के खाते में जमा करवा दी। ब्रांच मैनेजर मुकेश मीणा अब रुपए नही देकर धमकियां दे रहा है। पुलिस को बताने पर रुपए डूबने की भी धमकी दी। ब्रांच मैनेजर ने 5-5 लाख रुपए का स्पेशल लोन दिलाने के नाम पर एजेंटों के 4-4 ब्लैंक चेक ले लिए और उनको भी कोई लोन नहीं दिया। थानाधिकारी ने बताया कि एजेंटों की रिपोर्ट पर ब्रांच मैनेजर समेत 3 कर्मचारियों के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज किया है और मामले की जांच में जुटी है।